विज्ञापन

ATM से पैसे निकालना एक मई से हो जाएगा महंगा, RBI की मंजूरी के बाद अब चुकाने पड़ेंगे इतने रुपये

RBI Approved ATM increased Charges: 1 मई से ग्राहकों को एटीएम से मुफ्त सीमा के बाद प्रत्येक लेनदेन के लिए 2 रुपये अतिरिक्त देने होंगे. एटीएम से नकदी निकालने पर प्रति लेनदेन पर 19 रुपये का खर्च आएगा, जो पहले 17 रुपये था. इसके अलावा, अगर ग्राहक एटीएम का इस्तेमाल पैसे निकालने से अलग दूसरे कामों जैसे बैलेंस पूछताछ के लिए करता है तो 1 रुपये अतिरिक्त देना होगा.

ATM से पैसे निकालना एक मई से हो जाएगा महंगा, RBI की मंजूरी के बाद अब चुकाने पड़ेंगे इतने रुपये

ATM Charges Increased: 1 मई से भारत में एटीएम से पैसे निकालना महंगा होने जा रहा है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एटीएम इंटरचेंज फीस में वृद्धि को मंजूरी दे दी है. यानी अब जो ग्राहक अपने वित्तीय लेनदेन के लिए एटीएम का अधिक इस्तेमाल करते हैं, उन्हें एक सीमा के बाद एटीएम से पैसे निकालने के साथ अतिरिक्त शुल्क देना होगा.

एटीएम इंटरचेंज शुल्क एक बैंक, दूसरे बैंक को एटीएम सेवाएं प्रदान करने के लिए देता है. यह शुल्क प्रत्येक ट्रांजैक्शन के लिए फिक्स्ड राशि होती है और इसे ग्राहकों से ही बैंकिंग लागत के रूप में ली जाती है.

पूरे देश में लागू होगी शुल्क में वृद्धि

आरबीआई ने व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों के अनुरोधों के बाद इन शुल्कों को रिवाइज करने का फैसला किया, जिन्होंने तर्क दिया कि बढ़ते परिचालन व्यय उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रहे हैं. शुल्क में वृद्धि पूरे देश में लागू होगी और इसका असर ग्राहकों, खासकर छोटे बैंकों के ग्राहकों पर पड़ने की उम्मीद है. दरअसल, ये बैंक एटीएम इंफ्रस्ट्रक्चर और इससे जुड़ी सेवाओं के लिए बड़े वित्तीय संस्थानों पर निर्भर हैं, जिससे वे बढ़ती लागतों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं.

इतनी हुई वृद्धि

1 मई से ग्राहकों को एटीएम से मुफ्त सीमा के बाद प्रत्येक लेनदेन के लिए 2 रुपये अतिरिक्त देने होंगे. एटीएम से नकदी निकालने पर प्रति लेनदेन पर 19 रुपये का खर्च आएगा, जो पहले 17 रुपये था. इसके अलावा, अगर ग्राहक एटीएम का इस्तेमाल पैसे निकालने से अलग दूसरे कामों जैसे बैलेंस पूछताछ के लिए करता है तो 1 रुपये अतिरिक्त देना होगा. आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, खाते की शेष राशि की जांच करने पर अब प्रति लेनदेन 7 रुपये का खर्च आएगा, जो वर्तमान में 6 रुपये है.

यह भी पढ़ें- Strike on Online Fraud: फ्रॉडियों के खिलाफ दूरसंचार विभाग ने की बड़ी स्ट्राइक, 3.4 करोड़ मोबाइल कनेक्शन और 17 लाख वॉट्सऐप अकाउंट किए ब्लॉक

तेजी बढ़ रहा है डिजिटल पेमेंट

एटीएम को कभी क्रांतिकारी बैंकिंग सेवा के रूप में देखा जाता था. हालांकि, डिजिटल पेमेंट बढ़ने के साथ यह अब भारत में संघर्ष कर रहा है. ऑनलाइन वॉलेट और यूपीआई लेनदेन की सुविधा ने नकद निकासी की जरूरत को काफी हद तक कम कर दिया है. सरकारी डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2014 में भारत में डिजिटल भुगतान का मूल्य 952 लाख करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2023 तक यह आंकड़ा बढ़कर 3,658 लाख करोड़ रुपये तक हो गया, जो कैशलेस लेनदेन की ओर बड़े पैमाने पर बदलाव को दर्शाता है. इस नई शुल्क वृद्धि के साथ उन ग्राहकों को बोझ महसूस हो सकता है, जो अब भी नकद लेनदेन पर निर्भर है. 

यह भी पढ़ें- UPI Payment: छोटे बिजनेसमैन की बल्ले-बल्ले, सरकार ने दिया 'प्रोत्साहन'! CM मोहन ने कहा- थैंक यू मोदी जी

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close