
गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर में कला संकाय के छात्र धान और चावल से निर्मित इको फ्रेंडली राखी बना रहे हैं. पर्यावरण को ध्यान में रखकर यह इको फ्रेंडली राखी बनाई जा रही है. यह राखी काफी आकर्षक है यही कारण है कि लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं. स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्यालय में स्टाल लगाकर राखियों को बेचा जा रहा है. विभाग के द्वारा 30 बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया. और रक्षाबंधन पर्व को ध्यान में रखकर छात्र दो माह पहले से ही ईको फ्रेंडली राखी बना रहे हैं. राखी बेचकर होने वाले इनकम से छात्रों का फीस भरा जाता है.छत्तीसगढ़ स्वलंबी योजना से जुड़कर छात्र आत्मनिर्भर बन रहे हैं.
विश्वविद्यालय में राखी,आर्ट एंड क्राफ्ट, पैरा आर्ट, हर्बल गुलाल, हैंड मेड शौप, वर्मी कम्पोस्ट, मशरूम,मछली उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाता है.
बस्तर के 7 महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण
महिला सशक्तिकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला में. कला संकाय के छात्रों ने स्वावलंबी छत्तीसगढ़ के तहत धान और चावल से निर्मित आकर्षक राखियों का प्रर्दशन किया. और इनकी राखियां बनाने के तरीकों को सीखने के लिए बस्तर से 7 महिलाएं गुरु घासीदास विश्वविद्यालय पहुंची जिन्हे विषेश प्रषिक्षण दिया गया.