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This Article is From Jul 18, 2023

बैतूल : अपनी मांगों को लेकर चौपाल पर जुटे किसान, कहा- "...नहीं तो चुनाव का करेंगे बहिष्कार"

ग्रामीणों ने पूर्व विधायक चंद्रशेखर देशमुख और सुखदेव पांसे के खिलाफ विश्वासघात का आरोप लगाते हुए बताया कि पूर्व विधायक चंद्रशेखर देशमुख और सुखदेव पांसे को हजारों मतों से विजई बनाने के बाद दोनों ही जनप्रतिनिधियों ने किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया.

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बैतूल : अपनी मांगों को लेकर चौपाल पर जुटे किसान, कहा-

मुलताई विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों सिंचाई योजना से वंचित दर्जनों गांव के हजारों ग्रामीण प्रदेश सरकार एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ हो गए हैं. किसानों का आरोप है कि किसी भी पार्टी ने किसानों की समस्याओं को मुखरता से नहीं उठाया है. चुनाव में अपना हित साधने के बाद गांव की समस्याओं की ओर किसी भी जनप्रतिनिधि ने मुड़कर नहीं देखा. ग्रामीणों ने पूर्व विधायक चंद्रशेखर देशमुख और सुखदेव पांसे के खिलाफ विश्वासघात का आरोप लगाते हुए बताया कि पूर्व विधायक चंद्रशेखर देशमुख और सुखदेव पांसे को हजारों मतों से विजई बनाने के बाद दोनों ही जनप्रतिनिधियों ने किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया. इनकी राजनीति सिर्फ वोट साधने तक ही सीमित रह गई है. गौरतलब है कि रविवार को मुलताई विधानसभा क्षेत्र के दातोरा में ग्राम चौपाल का आयोजन किया गया था. ग्राम चौपाल में सैकड़ों किसानों ने उपस्थित होकर चुनाव आगामी चुनाव के बहिष्कार की खुलकर घोषणा की.


ग्राम चौपाल में किसानों ने कहा कि जब केंद्र में भी बीजेपी की सरकार और राज्य में भी बीजेपी की सरकार थी, तब चंद्रशेखर देशमुख बीजेपी से ही चुनकर गए थे और उन्हें बहुमत के साथ विधायक बनाया गया था. लेकिन उन्होंने मुलताई विधानसभा के भोले-भाले किसानों के साथ विश्वासघात किया है. जब राज्य शासन की परियोजना पारसडोह जलाशय की सौगात मुख्यमंत्री ने मुलताई विधानसभा को दी, तब चंद्रशेखर देशमुख ने ही मुलताई विधानसभा से पानी लेकर पारसडोह जलाशय का पानी बैतूल विधानसभा को दे दिया. इसलिए आने वाले विधानसभा में हम किसान पूर्व विधायक चंद्रशेखर देशमुख का खुलकर पुरजोर विरोध करेंगे हम किसी राजनीतिक दल का विरोध नहीं करेंगे, लेकिन अबकी बार ऐसे विश्वासघाती लोग नहीं चलेंगे. साथ ही अपनी मांगों को लेकर आगे और भी तीव्र आंदोलन करने की  बात रखी गई. गौरतलब है कि पारसडोह जलाशय से सिंचाई का लाभ क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण 35 गांवों के हजारों किसानों द्वारा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इन्हें चुनाव में सबक सिखाने की अपील की गई है.


4 मांगो को लेकर की जा रही आंदोलन की तैयारी 

रविवार को नहर लाओ संघर्ष समिति के किसानों ने  ग्राम दातोरा की गली गली में घूमकर लोगो को आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पूर्व विधायक  चन्द्रशेखर देशमुख, कांग्रेस के वर्तमान विधायक सुखदेव पांसे का विरोध करने की समझाईश दी। इन किसानों ने पूर्व में कई बार कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। किसानों ने आने वाले अगस्त महिने में ग्राम दातोरा में ग्राम चौपाल में उपस्थित होकर विशाल आन्दोलन का आव्हान किया है। किसानों की 4 मांगो को लेकर आन्दोलन करने की तैयारिया चल रही है। 

 यह है किसानों की मांग 

चंदोरा जलाशय की ओपन नहर को पाईप लाईन में तब्दील कर ग्राम आष्टा, बल्हेगाव, मिरापुर और रायआमला की असिंचित जमीन को सिंचित किया जाये, वर्धा जलाशय की फाइल को जल्द से जल्द स्वीकृति प्रदान कर ग्राम पट्टन नरखेड़, पाबल, इशापुर  चारुड़, झिरी तिवरखेड़, वण्डली के किसानों की जमीन को सिंचित किया जाए. ग्राम सावंगी पर अम्भोरा नदी पर नया डैम बनाकर ग्राम पंचायत सावंगी, खेडडीरामोशी, चिचखेडा, वण्डली, दतोरा, मासोद वायगाव साईखेड़ा, सिरडी के किसानों की असिंचित जमीन को सिंचित किया जाए. गेहुबारसा के पास ग्राम मोरन्ड पर नया डैम बनाकर गेहुबारसा के आदिवासी क्षेत्र में किसानों की जमिन को सिंचित किया जाए.

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