Assemblyelection2023 : मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव में (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) में अपनों का रूठना कांग्रेस (Congress) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. प्रदेश के नेताओं में रूठने-मनाने का दौर चल रहा है. नाराज होने के ऐसा ही एक मामला सतना (Satna) जिले की नागौद सीट (Nagod Seat) पर देखने को मिल रहा है. यहां बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर नाराज चल रहे गगनेन्द्र प्रताप सिंह (Gagnedra Pratap Singh) ने अंतत: पार्टी को बड़ा झटका देते हुए विरोध का विगुल फूंक दिया है. उन्होंने पार्टी के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय की बात भी नहीं सुनी और बगावती रुख अपना लिया.
कैलाश विजयवर्गीय ने एयरोड्रम पर की थी वन-टू-वन चर्चा
गगनेन्द्र प्रताप सिंह की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) सतना पहुंचे थे और एयरोड्रम पर वन-टू-वन चर्चा भी की थी, लेकिन इसका कोई नतीजा पार्टी को नहीं मिला. इससे पहले सतना जिले के प्रभारी यूपी के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सांसद गणेश सिंह (Satna MP Ganseh Singh), जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा और पूर्व जिला अध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी भी मनाने की भरपूर कोशिश कर चुके हैं, लेकिन वे बिना टिकट मानने को तैयार नहीं हुए.
समर्थकों ने चुनाव के लिए किया राजी
गगनेन्द्र प्रताप सिंह बीजेपी से टिकट की उम्मीद लगाकर बैठे थे. उन्हें भरोसा था कि उनके सर्मपण का पार्टी नागौद से टिकट देकर ईनाम देगी. हालांकि जब सूची जारी हुई तो उनका नाम नहीं था. ऐसे में गगनेन्द्र सिंह के समर्थक नाराज हो गए. उन्होंने नागौद से गगनेन्द्र सिंह को टिकट नहीं देने पर गुस्सा जाहिर करते हुए नारेबाजी की. जिला अध्यक्ष को फोन लगाकर जवाब मांगा. इसके बाद कार्यकर्ताओं (BJP Party Workers) ने एक सभा का आयोजन कर गगनेन्द्र सिंह से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए कहा. बीजेपी से गगनेन्द्र सिंह ने कुछ सवाल किए, जिनका जवाब क्या मिला यह तो गगनेन्द्र सिंह और कैलाश विजयवर्गीय जाने. लेकिन जिस प्रकार से गगनेन्द्र कलेक्ट्रेट पहुंचे और नामांकन लिया उससे यह साफ है कि बीजेपी अपने इरादों में बदलाव नहीं करने वाली है.
2018 में भी मिला था आश्वासन, सतना में लगे हैं बीजेपी को कई झटके
भारतीय जनता पार्टी को सतना जिले में कई बड़े झटके लग चुके हैं. कई बड़े चेहरों ने दल बदल लिया. मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी ने पार्टी छोड़ दी. वहीं नागौद से गगनेन्द्र सिंह के रुप में बड़ा झटका लगा. रैगांव से रानी बागरी, पुष्पराज बागरी, वंदना और देवराज बागरी ने बीजेपी से खुद को अलग कर लिया. वहीं सतना विधानसभा में रत्नाकर चतुर्वेदी अपने पिता के साथ बसपा (BSP) में चले गए. इसी प्रकार से चित्रकूट में सुभाष शर्मा डोली ने भी बीजेपी से किनारा कर लिया. गगनेन्द्र सिंह 2018 विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के प्रबल दावेदार थे, लेकिन तब भी उन्हें टिकट नहीं मिली. जिसके बाद उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी. तब उन्हें भविष्य में टिकट का आश्वासन दिया गया. इसके बाद भी कोई टिकट नहीं दी गई.
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