विज्ञापन
This Article is From Nov 01, 2023

CG Election 2023 : 15 साल से ग्रामीण लगा रहे गुहार, अब नेताओं की एंट्री बैन-चुनाव का बहिष्कार

CG Assembly Election 2023 : कभी इस गांव 200 परिवार थे लेकिन वर्तमान में 150 परिवार ही बचे हैं. 50 परिवारों ने गांव छोड़ना ही बेहतर समझा. कई परिवार अपने रिश्तेदारों और नातेदारों के यहां जाकर बस गए हैं.  कुछ ने तो अपना नाम भी वोटर लिस्ट से कटवा लिया है.

CG Election 2023 : 15 साल से ग्रामीण लगा रहे गुहार, अब नेताओं की एंट्री बैन-चुनाव का बहिष्कार
गरियाबंद:

Assemblyelection2023 : छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव (CG Assembly Election 2023) में चुनावी पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं. गांव-गांव और घर-घर पहुंच रही हैं. लेकिन कहीं पर इन पार्टी नेतओं को जनता के आक्रोश का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक दृश्य गरियाबंद (Gariaband) में देखने मिला, जहां स्थानीय लोगों ने नेताओं की प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. पार्टियों के चुनावी वादों को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि चुनावी वादे नहीं चाहिए, मूलभूत समस्या से निजात नहीं मिलने तक नेताओं के प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध.

कहां का है मामला?

गरियाबंद जिले के अंतर्गत आने वाले देवभाेग ब्लॉक के परेवापली गांव के रहवासी 2008 से अपने गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने, पुल निर्माण और मरममत, स्कूल भवन, पेयजल, राशन दुकान जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रहे हैं. वैसे तो ये इनका अधिकार है, लेकिन अपने ही अधिकारों को लेकर ये पिछले 15 साल से जद्दोजहद कर रहे हैं.

इस बार मांग पूरी नहीं होने के चलते इन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है. इसके अलावा नेताओं के प्रवेश निषेध का बैनर गांव में लगा दिया है.


सभी पार्टियों ने दिया कोरा आश्वासन

मांग पूरी नहीं होने के चलते यहां के ग्रामीणों ने पिछले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था. तब वर्तमान सरकार के नेताओं ने आश्वासन दिलाया था कि वे उनकी सरकार बना दें, सत्ता में आते ही उनकी समस्या का निदान करेंगे. लेकिन पिछले 10 वर्षों से मिल रहे आश्वासन और वादे पांच साल और बीत जाने के बाद भी पूरे नहीं हो पाए.


गुहार लगा लगा कर थक चुके ग्रामीणों ने गांव को छोड़ना ही बेहतर समझा

कभी इस गांव 200 परिवार थे लेकिन वर्तमान में 150 परिवार ही बचे हैं. 50 परिवारों ने गांव छोड़ना ही बेहतर समझा. मूलभूत समस्याओं के निराकरण नहीं होने से और माननीयों की तरफ से मिल रहे कोरे आश्वासन से नाराज ग्रामीणों ने अपनी पैतृक संपत्ति को छोड़ना ही बेहतर समझा. कई परिवार अपने रिश्तेदारों और नातेदारों के यहां जाकर बस गए हैं.  कुछ ने तो अपना नाम भी वोटर लिस्ट से कटवा लिया है.


सालों-साल लगाई फरियाद पर किसी ने पूरी नहीं की मांग

आजादी के 7 दशक बाद भी परेवापाली के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई है. सड़क मार्ग नहीं बन पाने के कारण कन्हार मिट्टी के चलते आने-जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. बारिश में हालत ऐसे हो जाते है कि किसी महिला की डिलीवरी करवाने ले जाना हो तो खाट पर उठाकर एंबुलेास तक उसे छोड़ने जाना पड़ता है. गांव की सड़कों का हाल देखकर कई बार ग्रामीण दूसरे गांव पर किराए का मकान लेकर डिलीवरी तक रुकते हैं.

जिम्मेदार क्या बोले?

एसडीएम (SDM) का कहना है कि समस्याओं का निदान हो चुका है. मतदाता अभियान चलाकर ग्रामीणों को प्रेरित करेंगे.
ग्रामीणों की समस्याओं पर एसडीएम अर्पिता पाठक ने कहा ज्यादातर मांगे पूरी हो चुकी है. कुछ समस्या हैं उनका समाधान जल्द कर दिया जाएगा. पेयजल को लेकर समस्या बनी हुई है. उसका कार्य जारी है. चुनाव बहिष्कार को लेकर ग्रामीणों समझाया जाएगा.

यह भी पढ़ें : CG Election 2023: प्रशासन को मिली बड़ी सफलता, चुनाव से पहले एक करोड़ रुपए का सोना-चांदी बरामद

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Previous Article
Elections Date 2024 Announcement: MP-CG में उपचुनाव, 13 नवंबर को रायपुर दक्षिण, विजयपुर और बुधनी में मतदान
CG Election 2023 : 15 साल से ग्रामीण लगा रहे गुहार, अब नेताओं की एंट्री बैन-चुनाव का बहिष्कार
Indore 4 Assembly Seat: Congress defeated due to weak candidate im Madhya Pradesh Assembly Election
Next Article
Indore 4 Assembly Seat: इस विधानसभा में कांग्रेस का कमजोर प्रत्याशी बना भाजपा की जीत का कारण 
Close