
Napal nes leadera Baledr Shah: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके सचिवालय ने खबर पर मुहर लगाई है. पीएम ओली ने हिंसक प्रदर्शन के बीच पद छोड़ा है. जेन जी प्रदर्शनकारी और विपक्षी नेता उनके इस्तीफे की सोमवार से मांग कर रहे थे. ओली एक साल और 2 महीने ही पद पर रह सके. वे 15 जुलाई 2024 को तीसरी बार पीएम बने थे.
यह घोषणा तब हुई, जब प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, नेताओं के आवासों सहित कई महत्वपूर्ण कार्यालयों में तोड़फोड़ की और अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए सोमवार को जेन जी के विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई के बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए थे. द काठमांडू पोस्ट के मुताबिक भ्रष्टाचार और व्यवस्थागत विफलताओं को समाप्त करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने गोलियां चलाई. इस गोलीबारी में सोमवार को छात्रों सहित करीब 19 प्रदर्शनकारी मारे गए और 400 से अधिक युवा घायल हो गए थे.
सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ शुरू हुआ था प्रदर्शन
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ सोमवार को काठमांडू में हुई हिंसक झड़प के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली के खिलाफ विरोध के सुर फूटने लगे थे. दूसरी ओर जेन-जी काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह की ओर आस भरी निगाहों से देख रही है. आखिर इसकी वजह क्या है?
जेन जी ने मेयर बालेंद्र शाह से ये अपील
जेन जी ने सोशल मीडिया पर अपने पद से इस्तीफा देने और एक नई राजनीतिक पार्टी बनाकर राष्ट्रीय नेतृत्व संभालने की बालेंद्र शाह से गुजारिश की जा रही है. आखिर नेपाल की राजनीति में चल रही उथल-पुथल के बीच अचानक बालेंद्र शाह का नाम सामने क्यों आया और जेन-जी उन्हें इतना सपोर्ट क्यों कर रही है, आइए अब ये जान लेते हैं.
काठमांडू के निर्दलीय मेयर हैं बालेंद्र शाह
बालेंद्र शाह को नेपाल में बालेन नाम से भी जाना जाता है. 27 अप्रैल 1990 को काठमांडू के नरदेवी में एक मैथिल मूल के मधेसी परिवार में जन्मे बालेंद्र शाह एक नेपाली रैपर, सिविल इंजीनियर और काठमांडू के 15वें मेयर हैं. 2022 में वह देश-विदेश की मीडिया में चर्चा का विषय इसलिए बन गए थे, क्योंकि काठमांडू में एक निर्दलीय उम्मीदवार पहली बार मेयर बना था. 2023 में टाइम मैगजीन ने उन्हें टॉप-100 उभरते नेताओं की सूची में शामिल किया था. न्यूयॉर्क टाइम्स भी उनके काम की तारीफ कर चुका है.
युवाओं में बहुत ज्यादा लोकप्रियता है बालेन
बालेन की लोकप्रियता खासकर युवाओं में ज्यादा है, इसका कारण उनका युवा होना और काठमांडू में जनता के हितों में कराए गए कार्य हैं. चाहे वह सड़कों और फुटपाथों की सफाई हो या टैक्स चोरी करने वाले निजी स्कूलों पर नकेल कसना, उन्होंने अपने काम से जनता के बीच बेदाग छवि बनाई है. भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस नीति से भी लोग उनके समर्थन में हैं.
जेन-जी की किया था समर्थन
मेयर बालेंद्र शाह ने फेसबुक पर जेन-जी के नेतृत्व में शुरू हुए आंदोलन को समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन जेन-जी का है और उनकी उम्र ज्यादा हो गई. इसलिए, वह आंदोलन में शामिल तो नहीं होंगे, लेकिन प्रदर्शनकारियों को उनका पूर्ण समर्थन है. उन्हें उम्मीद है कि आंदोलन भ्रष्टाचार और डिजिटल स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों, दोनों की ओर ध्यान आकर्षित करेगा.
इसिलए युवा कर रहे हैं सपोर्ट
इसके बाद सोशल मीडिया यूजर उनके सपोर्ट में आ गए. लोग उनसे काठमांडू के मेयर पद से इस्तीफा देने, एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने और राष्ट्रीय नेतृत्व संभालने की मांग करने लगे. उनका कहना है कि अभी नहीं तो कभी नहीं.
नेपाल सरकार के विरोधी हैं बालेंद्र शाह
बालेंद्र शाह अपने बयानों से नेपाल सरकार का पहले भी विरोध कर चुके हैं. इतना ही नहीं, वह भारत के खिलाफ भी जहर उगल चुके हैं. अखंड नेपाल की वकालत करते हुए एक बार बालेंद्र शाह ने नेपाल की प्रचंड सरकार और अदालत को भारत का गुलाम बता दिया था. उन्होंने ओम राउत की फिल्म 'आदिपुरुष' को काठमांडू के सिनेमाघरों में दिखाने की हाईकोर्ट की अनुमति का पालन करने से इनकार कर दिया था.
बालेंद्र ने कहा था कि जब बात उनके देश की संप्रभुता और स्वतंत्रता की आएगी तो वह किसी कानून को नहीं मानेंगे. बालेंद्र ने दावा किया था कि 'आदि पुरुष' में सीता को भारत की बेटी कहा गया है. जब तक इस डायलॉग को फिल्म से हटाया नहीं जाता है, तब तक वह फिल्म को काठमांडू में नहीं चलने देंगे, जबकि सीता का जन्म स्थान नेपाल में है.
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