Chip Planted in Human Brain by Neuralink: दुनिया के सबसे अमीर (Richest Man in the World) लोगों में शामिल और न्यूरालिंक (Neuralink) के संस्थापक एलन मस्क (Elon Musk) ने दावा किया है कि उनकी कंपनी इंसानी दिमाग में सफलतापूर्वक ब्रेन चिप (Chip Planted in Human Brain) लगाया है. मस्क ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उनकी कंपनी ने रविवार को पहले मानव रोगी में ब्रेन-चिप ट्रान्सप्लांटेशन (Brain Chip Transplantation) किया, जो कि सफल रहा और मरीज तेजी से ठीक हो रहा है. एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस सफल ऑपरेशन के शुरुआती नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले हैं और ये न्यूरॉन स्पाइक का पता लगाने की उम्मीद जगाते हैं.
इसके साथ ही एलन मस्क ने बताया कि न्यूरालिंक के पहले प्रोडक्ट को टेलीपैथी कहा जाएगा. वहीं इस संबंध में कंपनी ने कहा कि उसका मकसद न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर से पीड़ित लोगों के जीवन को आसान बनाना है.
Enables control of your phone or computer, and through them almost any device, just by thinking.
— Elon Musk (@elonmusk) January 30, 2024
Initial users will be those who have lost the use of their limbs.
Imagine if Stephen Hawking could communicate faster than a speed typist or auctioneer. That is the goal.
इन बीमारियों से मिलेगी राहत
एलन मस्क ने न्यूरालिंक कंपनी की शुरुआत 2016 में एक स्टार्टअप के तौर पर की थी. इस कंपनी का लक्ष्य इंसानी दिमाग और कंप्यूटर के बीच कम्युनिकेशन चैनल बनाना है. बता दें कि न्यूरालिंक कंपनी ने एक ऐसी चिप बनाई है, जिसे सर्जरी की मदद से इंसानी दिमाग में प्लांट किया जाएगा. ये चिप इंसानी दिमाग की तरह ही काम करेगी. इसकी मदद से दिमाग और नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर की समस्या से परेशान लोगों को इलाज में मदद मिलेगी और वे ठीक हो सकेंगे.
बीते साल मिली थी परीक्षण की मंजूरी
न्यूरालिंक को पिछले साल अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (AFA) ने इंसान के मस्तिष्क प्रत्यारोपण का परीक्षण करने यानी इन-ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दी थी. न्यूरालिंक अपने माइक्रो चिप का उपयोग कर पैरालिसिस और ब्लाइंडनेस (Paralysis and Blindness) जैसी बीमारियों के इलाज में मदद करेगी. इसके साथ ही यह चिप कुछ विकलांग लोगों को कंप्यूटर और मोबाइल तकनीकी का उपयोग करने में भी मदद करती है. आपको बता दें कि इंसानों से पहले इस चिप का परीक्षण बंदरों में किया गया था. इस चिप को इंसानी दिमाग से मिलने वाले सिग्नल को डिकोड करने और ब्लूटूथ की मदद से उसकी जानकारी देने के लिए डिजाइन किया गया है.
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