
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की सबसे चर्चित योजना है - यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम. स्कीम का लक्ष्य ही है कि राज्य में कोई भी शख्स राशनकार्ड या फिर राशन से वंचित न रहे. बीते साल सरकार ने दावा किया था कि राज्य के 96 फीसदी लोगों को इस योजना के तहत अन्न और दूसरी चीजें मुहैया कराई जा रही है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के मौके पर 2 अक्टूबर 2019 को बस्तर से ये योजना शुरू की गई थी. इसके तहत कुल 74 लाख 64 हजार से ज्यादा राशन कार्ड बनाए गए हैं.
एपीएल परिवार भी कवर होते हैं स्कीम में
खास बात ये है कि इसमें बीपीएल ही नहीं बल्कि एपीएल परिवार भी कवर होते हैं. राज्यभर में सक्रिय 7 हजार 361 राशन दुकानों के जरिए लोगों को अन्न के अलावा, मिट्टी का तेल, चना और गुड़ का वितरण किया जाता है. इस स्कीम के तहत सरकार हर बीपीएल कार्डधारी को कम से कम 35 किलो चावल देती है वहीं एपीएल कार्डधारी को भी महज 10 रुपए प्रति किलो चावल मुहैया कराई जाती है. अब जान लेते हैं कि आखिर ये योजना क्या है?

सिंहदेव ने कहा था- रमन को देने जाएंगे कार्ड
सरकार का दावा है कि इस स्कीम तहत करप्शन की गुंजाइश बेहद कम है क्योंकि सभी कार्डधारियों का रिकॉर्ड आधार से लिंक है. समय-समय पर सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी इसकी निगरानी भी करते हैं. दिलचस्प ये है कि जब इस योजना को लॉन्च किया गया था तब प्रदेश के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा था कि वे खुद वे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का कार्ड देने के लिए खुद जाएंगे. हालांकि ऐसा कभी हुआ नहीं लेकिन इस योजना ने सरकार की साख को मजबूत की है, क्योंकि छत्तीसगढ़ की सियासत में चावल हमेशा से ही अहम राजनीतिक मुद्दा रहा है.