
Road Safety: सड़क सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को देश भर के उपभोक्ताओं से अपील की कि वे केवल भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा सर्टिफाइड हेलमेट का ही इस्तेमाल करें. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बीआईएस सर्टिफिकेशन के बिना हेलमेट के निर्माण या बिक्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आह्वान किया. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सड़कों पर 21 करोड़ से अधिक दोपहिया वाहन हैं.
क्या कहते हैं नियम?
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत हेलमेट पहनना अनिवार्य है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता गुणवत्ता पर निर्भर करती है. घटिया हेलमेट सुरक्षा से समझौता करते हैं और अपने उद्देश्य को विफल करते हैं. इससे निपटने के लिए, 2021 से एक गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू किया गया है, जिसके तहत सभी दोपहिया सवारों के लिए बीआईएस मानकों (आईएस 4151:2015) के तहत सर्टिफाइड आईएसआई-मार्क्ड हेलमेट अनिवार्य है.
गुणवत्ता मानकों को लागू करने के लिए, बीआईएस नियमित रूप से कारखाने और बाजार की निगरानी करता है.
पिछले वित्त वर्ष में बीआईएस ने 500 से अधिक हेलमेट सैंपल को टेस्ट किया और बीआईएस स्टैंडर्ड मार्क के दुरुपयोग के लिए 30 से अधिक तलाशी और जब्ती अभियान चलाए.
इसके अलावा, बीआईएस ने बीआईएस केयर ऐप और बीआईएस पोर्टल पर एक प्रावधान जोड़ा है, जिससे यह जांच की जा सकती है कि हेलमेट निर्माता के पास लाइसेंस है या नहीं. इसी के साथ ग्राहकों को बीआईएस केयर ऐप पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी मिलती है.
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