भारतीय क्रिकेट टीम के लिए वैसे तो कई दिग्गज बल्लेबाज हुए हैं, जिन्होंने अपने करियर के दौरान कई बड़े रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं. लेकिन एक ऐसा भी खिलाड़ी था, जिसने अपने करियर की शुरुआत तो स्पिनर के तौर पर की थी, लेकिन जब मौका मिला तो बल्लेबाजी में एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया, जो हमेशा के लिए उनके नाम हो गया. इस खिलाड़ी के क्रिकेट में उनके योगदान के लिए कई सम्मान तो मिले ही साथ ही बीसीसीआई ने उनके नाम पर एक टूर्नामेंट का आयोजन भी शुरू किया. बता दें, हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्में भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सैयद मुश्ताक अली की.
17 दिसंबर 1914 को इंदौर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्में सैयद मुश्ताक अली की गिनती अपने समय के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज के रूप में होती थी. उन्होंने अपना करियर तो एक गेंदबाज के तौर पर शुरू किया था और वो नंबर सात पर बल्लेबाजी के लिए आते थे, लेकिन सलामी बल्लेबाज दिलवर हुसैन के चोटिल होने पर उन्हें टॉप ऑर्डर में मौका दिया गया. सैयद मुश्ताक अली ने विजय मर्चेंट के साथ मिलकर भारत के लिए कुछ बेहतरीन साझेदारियां की.
सैयद मुश्ताक अली ने इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन में 20 साल की उम्र में अपना टेस्ट डेब्यू किया था. सैयद मुश्ताक अली को सीके नायडू ने पहला मौका दिया था. हालांकि, अली अपने मुकाबले में कोई खास कारनामा नहीं कर पाए थे. अली ने अपने डेब्यू मैच में इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान एक विकेट झटका था, जिसके बाद उन्होंने पहली पारी में 9 रन बनाए थे, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 18 रन बनाए थे.
अपने डेब्यू मैच में कोई खास कमाल नहीं कर पाने वाले सैयद मुश्ताक अली ने दो साल बाद वो कारनामा कर दिखाया, जो भारतीय क्रिकेट के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया. सैयद मुश्ताक अली ने इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर शतकीय पारी खेलकर भारत के लिए विदेशी सरजमीं पर पहला टेस्ट शतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. अली इस पारी में 150 मिनट तक क्रीज पर रहे थे. अली को पहली पारी में 13 रन पर रन आउट का शिकार होना पड़ा था, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 112 रन बनाए थे. अली ने अपनी पारी के दौरान 17 चौके जड़े थे. अली की पारी के दम पर टीम इंडिया इस मैच को ड्रा करने में सफल रही थी. हालांकि, भारत को तीन मैचों की इस सीरीज में 1-0 से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं इस मैच में वो एक विकेट लेने में भी सफल हुए थे.
सैयद मुश्ताक अली ने अपने करियर में भारत के लिए 11 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 2 शतक और 3 अर्द्धशतक की मदद से 32.21 की औसत से 612 रन बनाए. वहीं फर्स्ट क्लास में उन्होंने 226 मैचों में 35.90 की औसत से 13213 रन बनाए. अली के नाम फर्स्ट क्लास में 30 शतक और 63 अर्धशतक रहे. इसके अलावा उन्होंने फर्स्ट क्लास में गेंद से अभी अपना जलवा दिया था और 162 विकेट झटके थे, जबकि टेस्ट में उनके नाम 3 विकेट रहे.
सैयद मुश्ताक अली इसके अलावा टीम इंडिया के एक अहम मुकाबले का भी हिस्सा रहे थे. भारत ने इंग्लैंड को 1952 में घरेलू सरजमीं पर हराकर अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल की थी और अली के करियर का यह भारत के लिए आखिरी मुकाबला था. सैयद मुश्ताक अली को 1964 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उनके नाम पर ही भारत की घरेलू टी20 टूर्नामेंट आयोजित होती है.