तोक्यो ओलंपिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन को एशियाई खेलों में बुधवार को एकतरफा फाइनल में हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा जबकि परवीन हुड्डा को कांस्य पदक मिला.
मौजूदा विश्व और एशियाई चैम्पियन लवलीना को दो बार की ओलंपिक पदक विजेता लि कियान ने 75 किलो फाइनल में हराया.
इसके साथ ही मुक्केबाजी में भारत की चुनौती समाप्त हो गई. भारत ने एक रजत और चार कांस्य समेत पांच पदक जीते.
दूसरी ओर महिला 57 किग्रा सेमीफाइनल में परवीन को दो बार की विश्व चैंपियन चीनी ताइपे की लिन यू टिंग के खिलाफ हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
विश्व चैंपियनशिप 2022 की कांस्य पदक विजेता परवीन को लिन ने 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से हराया.
लंबाई में लिन से कम होने का भी परवीन को खामियाजा भुगतना पड़ा और वह चीनी ताइपे की खिलाड़ी को मुक्के जड़कर अंक जुटाने में नाकाम रहीं.
पहले दौर में पिछड़ने के बाद परवीन ने दूसरे दौर में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन 27 साल की लिन ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए भारतीय खिलाड़ी के प्रयासों को नाकाम कर दिया.
परवीन को बीच-बीच में लिन को मुक्के जड़ने में सफलता भी मिली लेकिन यह जीत दर्ज करने के लिए काफी नहीं था.
तेइस साल की परवीन पहले ही अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुकी है.
परवीन मौजूदा खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली चौथी भारतीय मुक्केबाज हैं.
दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा) और नरेंद्र बेरवाल (92 किग्रा से अधिक) को भी सेमीफाइनल में हार के साथ कांस्य पदक मिला था.
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