दीपिका पल्लीकल और हरिंदर पाल सिंह संधू की भारतीय मिश्रित युगल जोड़ी ने बुधवार को यहां पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए हांगकांग की जोड़ी को हराकर एशियाई खेलों के फाइनल में जगह बनाई.
भारतीय जोड़ी ने ली का यी और वोंग ची हिम की हांगकांग की जोड़ी को सेमीफाइनल में 2-1 (7-11 11-7 11-9) से शिकस्त दी.
अनाहत सिंह और अभय सिंह की दूसरी भारतीय मिश्रित युगल जोड़ी को हालांकि सेमीफाइनल में आइफा बिंटी अजमान और मोहम्मद सयाफिक बिन मोहम्मद कमाल की मलेशिया की जोड़ी के खिलाफ 1-2 (11-8, 2-11, 9-11 ) से शिकस्त के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
इस मुकाबले के दौरान अनाहत और अजमान आपस में टकरा भी गईं. भारतीय जोड़ी ने पहला गेम आसानी से जीता लेकिन मलेशिया की जोड़ी ने अगले दोनों गेम जीतकर ऑल इंडिया फाइनल की उम्मीद खत्म कर दी.
पंद्रह साल की अनाहत ने हार के बाद कहा,"यह हमारा दिन नहीं था. अंतिम दो अंक (तीसरे गेम में) में से एक पर मैंने गलती की और दूसरी बार अंक कोर्ट के बीच में गया. हमारे में से किसी को नहीं पता था कि यह शॉट किसे लेना है. अंतिम दो अंक वैसे नहीं रहे जैसे होने चाहिए थे."
उन्होंने कहा,"पदक जीतना काफी अच्छा रहा. कांस्य पदक जीतना, इस उम्र में बड़ी बात है. इससे मैं थोड़ी खुश हूं लेकिन अगर स्वर्ण या रजत पदक मिलता तो बेहतर होता."
इससे पहले अनुभवी दीपिका और हरिंदर ने सेमीफाइनल का पहला गेम गंवा दिया था लेकिन इसके बाद वापसी करते हुए अगले दो गेम जीतकर मुकाबले को 38 मिनट में जीतने में सफल रहे.
भारतीय जोड़ी ने दूसरा गेम सिर्फ नौ मिनट में जीता जबकि तीसरे गेम में दोनों जोड़ियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली और यह गेम 15 मिनट चला.
सेमीफाइनल के दौरान ली का यी के शॉट पर गेंद हरिंदर के चेहरे पर भी लगी.
दीपिका ने कहा,"जीत अच्छी रही. प्रत्येक दौर महत्वपूर्ण होता है. ऐसा लग रहा है कि सभी खिलाड़ी अच्छी तैयारी के साथ आए हैं. हमें पता है कि हमें अपनी रणनीति के अनुसार चलना होगा, अपनी क्षमता के अनुसार खेलना होगा और नतीजे के बारे में भूल जाओ. नतीजे मिलेंगे."
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