भारतीय तीरंदाजों ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस देवताले ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बुधवार को यहां कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में दक्षिण कोरिया की जोड़ी के खिलाफ सिर्फ एक अंक गंवाया और एशियाई खेलों की तीरंदाजी स्पर्धा में दूसरा स्वर्ण पदक जीता. इसके साथ ही भारत ने एशियाई खेलों के इतिहास के सबसे अधिक मेडल की संख्या को पार कर लिया है. भारत ने 2018 जकार्ता में इससे पहले 70 मेडल जीते थे.
इसके साथ ही मौजूदा खेलों में भारत के चार पदक हो गए हैं जो इंचियोन 2014 में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक सहित कुल तीन पदक के देश के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से बेहतर है.
शीर्ष दो वरीयता प्राप्त जोड़ियों के बीच हुए फाइनल में शीर्ष वरीय भारतीय जोड़ी ने बेहद रोमांचक और करीबी मुकाबले में जो चेइवोन और जू जेइहून की जोड़ी को 159-158 से हरायाभारतीय जोड़ी ने इससे पहले सेमीफाइनल में आदेल झेशेनबिनोवा और आंद्रे त्युत्युन की कजाखस्तान जोड़ी के खिलाफ एक बार नौ अंक को छोड़कर हर बार 10 अंक जुटाए और 159-154 से जीत दर्ज करते हुए खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया.
ज्योति और देवताले ने क्वार्टर फाइनल में मलेशिया की जोड़ी को 158-155 से हराकर सेमीफाइनल में जगह सुनिश्चित की थी. कजाखस्तान की चौथी वरीय जोड़ी ने क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड को 154-152 से हराया था.
क्वार्टर फाइनल में भारतीय जोड़ी ने ठोस शुरुआत करते हुए 40-39 की बढ़त बनाई लेकिन दूसरे चरण में भारत के दोनों खिलाड़ियों ने दो अंक गंवाए जिससे मोहम्मद जुवैदी बिन माजुकी और फातिन नूरफतेहाह मेट सालेह की मलेशिया की जोड़ी बराबरी हासिल करने में सफल रही.
गत सीनियर विश्व चैंपियन देवताले बेहद मामूली अंतर से 10 अंक से चूक गए जिससे टीम की सीनियर साथी ज्योति पर दबाव आया गया. विश्व कप में कई बार की स्वर्ण पदक विजेता ज्योति भी इसके बाद चूक गई जिससे भारतीय जोड़ी ने दूसरा चरण 38-39 से गंवाया.
भारतीय जोड़ी ने हालांकि शानदार जज्बा दिखाते हुए तीसरे चरण में सभी तीर 10 अंक पर लगाए. मोहम्मद जुवैदी ने दिन का अपना पहला अंक गंवाया जिससे भारत ने 118-117 से बढ़त बना ली.
निर्णायक चौथे चरण में मलेशिया के तीरंदाजों को पहले मौका मिला और उन्होंने लगातार दो बार 10 अंक जुटाए. भारतीय जोड़ी ने भी दबाव के बाद दोनों निशाने 10 अंक पर लगाए.
ज्योति का 10 अंक का निशाना इसके बाद निर्णायक साबित हुआ जब 32 साल की फातिन आठ अंक ही जुटा सकी और मलेशिया की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा.
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