
शहडोल जिले में मध्यप्रदेश छत्तीसगढ सीमा से लगे बनसुखली गाँव के जंगल से होकर बहने वाली बनास नदी के तेज बहाव में मछली मारने गया मछुवारा बह गया. जिसकी लाश 40 किलोमीटर दूर ब्यौहारी के कोना गांव के पास बनास नदी के किनारे मिली. शहडोल जिले के सीधी थाना अंतर्गत बनसुखली गांव मे रहने वाला अधेड़ मछुवारा रति पनिका 30 जुलाई की सुबह अपने परिवार और ग्रामीणों के साथ बनसुखली के जंगल मे मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ से लगकर बहने वाली बनास नदी में मछली मारने गया था. अधिक मछली पकड़ने के लालच में रति कोल नदी के बीच घुसकर मछली पकड़ रहा था. वहीं पहाड़ी से गिरने के कारण नदी का बहाव बहुत तेज रहता है, और इसी बीच नदी में तेज बाढ़ भी आ गयी.
बाढ़ के तेज बहाव ने मछवारे को अपनी चपेट में ले लिया और दूर बहा ले गयी. इसके परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. वहीं इस मामले में सीधी थाना प्रभारी विजेंद्र मिश्रा ने बताया , सुबह रति कोल जो 60 साल का बुजुर्ग था अपने परिवार और साथियों के साथ मछली मारने गया था और तेज बहाव में बह गया. जिसका शव एक दिन बाद बनसुखली से 40 किलोमीटर दूर ब्यौहारी के पास कोना गांव मे बनास नदी के किनारे मिला. शव का पंचनामा पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौप दिया गया है.
बारिश में मछली मारने पर प्रतिबंध होने के बावजूद ग्रामीण लोग बारिश में तेज बहाव और भरे नदी नालों में मछली पकड़ने जा रहे हैं जबकि शासन द्वारा 15 जून से 15 अक्टूबर तक नदी तालाब में मछली मारना प्रतिबंधित है. क्योंकि जहां बारिश में नदी नालों के उफान बाढ़ और तेज बहाव से बहने डूबने और जान का खतरा रहता है, वहीं ये समय मछलियों के प्रजनन का भी होता है. इसके बावजूद ग्रामीण और मछवारे जान की परवाह न करते हुए पानी के तेज बहाव में नाव और नदी में घुसकर मछली का शिकार करते हैं.