
पिछले 11 दिनों से जिले में पानी की एक बूंद नहीं गिरी. आलम यह है कि पानी के अभाव में धान की खेती खराब हो रही है. तमाम खेतों पर खड़ी धान की फसल पीली पड़ने लगी है जबकि रोपा लगे कई खेतों में भी दरार बढ़ने लगी है. बिना पानी सतना में सूखे जैसे हालात दिखाई देने लगे हैं. ऐसे में किसान खासा परेशान है. अब तक के सीजन में सतना में कुल 411.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई है. मौसम विज्ञान केन्द्र सतना से जारी आंकड़े के मुताबिक सतना में अंतिम बार बीते छह अगस्त को 18.4 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई थी.
सतना जिला धान उत्पादन के मामले में प्रदेश के बालघाट को टक्कर देता रहा है. वहीं इस साल सूखे की चपेट में नजर आ रहा है. कृषि विभाग ने इस बार धान की बोनी का लक्ष्य दो लाख तीस हजार हेक्टेयर निर्धारित किया था. लेकिन कमजोर बरसात के चलते अभी दो लाख अठारह हजार हेक्टेयर में ही बोनी की जा सकी है. उसमें भी तमाम खेत पानी के अभाव में खराब होते जा रहे हैं.
न मौसम न बिजली साथ दे रही
किसानों में छाई चिंता
पिछले 11 दिन से सतना में एक भी पानी नहीं गिरा. कभी धूप तो कभी बादल जरूर बन रहे हैं. पानी नहीं मिलने से कई खेतों की धान खराब हो रही है. नागौद विकासखंड के अकौना के किसान इस साल काफी परेशान हैं. कुछ खेतों की धान पीली पड़ गई है जबकि कुछ की धान खराब होती जा रही है. ज्ञात हो कि इन क्षेत्रों में नहर भी नहीं है जिससे खेतों को सींचना उनके लिए मुश्किल हो रहा है.
एक दो दिन में सिस्टम सक्रिय होगा
धान की खेती प्रभावित होने के संबंध में जब सतना के कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक मनोज कश्यप से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि अभी धान की बोनी चल रही है. चूंकि एक-दो दिन में सिस्टम सक्रिय होने वाला है ऐसे में सतना को सूखा मानना जल्दबाजी होगी.