
राजनांदगांव के पेंड्री स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज के इंटर्नशिप डॉक्टर और पीजी डॉक्टर अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल करने वाले इन इंटर्नशिप और पीजी डॉक्टरों की संख्या 150 के करीब बताई जा रही है. इससे मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
दो प्रमुख मांगों को लेकर हो रही है हड़ताल
हड़ताल करने वाले इन डॉक्टरों की पहली बड़ी मांग वेतन में वृद्धि और दूसरी प्रमुख मांग ग्रामीण क्षेत्र में 2 साल की सेवा अवधि कम करने की है. इंटर्नशिप डॉक्टर और पीजी डॉक्टर की ड्यूटी ओपीडी और अन्य वार्डों में लगाई गई थी जिससे इस हड़ताल के होने से मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था प्रभावित हो सकती है. ये इंटर्न और पीजी डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के गेट के सामने बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज के छात्रों का कहना कि उनके साथ धोखा हो रहा है
राजनांदगांव के शासकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों का कहना है कि लगातार आश्वासन देने के बाद भी उनके साथ धोखा किया जा रहा है. डॉ सूरज गुप्ता ने बताया कि सरकार लगातार उनका दमन कर रही है, डॉ गुप्ता ने कहा " हम लगातार दो तीन साल से वेतन में वृद्धि की मांग की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं की गई है. आखिरी बार 2019 में हमारा स्टाईपेंड बढ़ाया गया था तबसे वही चल रहा है जबकि इस बात को चार साल हो गए है, चार सालों में महंगाई दर कितनी बढ़ गई है लेकिन हमारे स्टाईपेंड में कोई भी बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. इससे पहले जब हमने वेतन वृद्धि को लेकर हड़ताल की थी तब सरकार ने स्टाइपेंड बढ़ाने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई भी कार्यवाही नहींं हुई है. "
वेतन विसंगति भी है एक बड़ी समस्या
वेतन विसंगति को लेकर भी इंटर्नशिप और पीजी डॉक्टरों में रोष दिखा उनका कहना था कि विशेषज्ञ बनने के बाद मिलने वाली सैलरी प्रैक्टिस करने के दौरान मिलने वाली सैलरी से कम होती है.
हड़ताल से काम प्रभावित नहीं होगा - डीन रेनुका गहीने
मेडिकल कॉलेज की डीन रेनुका गहीने ने कहा कि स्टाइपेंड में बढ़ोत्तरी और दो साल की ग्रामीण सेवा में कमी करना ही हड़ताल करने वालों की प्रमुख मांगें है. लेकिन इनके हड़ताल पर जाने से कोई काम प्रभावित नहीं हुआ है हमारे पास अब भी 107 इंटर्न डॉक्टर है उनको विभिन्न वार्डों और ओपीडी में भेजा गया है.
काफी लंबे समय से इंटर्नशिप डॉक्टर और पीजी डॉक्टर स्टाइपेंड में वृद्दि की मांग को लेकर लामबंद हो रहे हैं लेकिन सरकार और प्रशासन इन्हें आश्वासन देकर मना लेती है. इस बार इसी मांग को लेकर करीब 150 इंटर्नशिप और पीजी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है अब देखना होगा कि क्या इनकी मांगे पूरी हो पाती हैं?