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This Article is From Jan 11, 2025

स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन: संवाद, सामर्थ्य और समृद्धि की त्रिवेणी

Dr Mohan Yadav
  • विचार,
  • Updated:
    जनवरी 12, 2025 12:52 pm IST
    • Published On जनवरी 11, 2025 20:39 pm IST
    • Last Updated On जनवरी 12, 2025 12:52 pm IST
स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन: संवाद, सामर्थ्य और समृद्धि की त्रिवेणी

Swami Vivekananda Jayanti: युवाओं की मेधा, शक्ति को जाग्रत करने वाले स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) जी ने कहा था, "उठो,जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए" विवेकानंद जी युवाओं को आशा और उम्मीद से देखते थे और युवा पीढ़ी को परिवर्तन का अग्रदूत मानते थे. स्वामी जी के लिये राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी पुस्तक "संस्कृति के चार अध्याय" में लिखा कि "अभिनव भारत को जो कुछ कहना था, वह विवेकानंद के मुख से उद्घोषित हुआ. अभिनव भारत को जिस दिशा में जाना था, उसका स्पष्ट संदेश विवेकानंद ने दिया. विवेकानंद वह सेतु हैं जिस पर प्राचीन और नवीन भारत परस्पर आलिंगन करते हैं. युवा शक्ति को राष्ट्र की मूलभूत चेतना और समाज निर्माण की ऊर्जा मानने वाले स्वामी विवेकानंद जी की जयंती (Yuva Diwas) 'राष्ट्रीय युवा दिवस' (National Youth Day) पर उनके चरणों में शत-शत नमन.

क्या है ये मिशन? What is Swami Vivekananda Yuva Shakti Mission?

हमारे मार्गदर्शक यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवा पीढ़ी की क्षमता को जाना, समझा और ज्ञान (GYAN) पर ध्यान का मार्गदर्शन दिया. इसमें "जी" से गरीब, "वाय" से युवा, "ए" से अन्नदाता और "एन" से नारी कल्याण की बात कही. उन्होंने युवाओं के लिये अनुशासन, शील, सकारात्मकता, कौशल क्षमता और प्रतिभा के विकास का आह्वान किया. मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हम मध्यप्रदेश में आज से "स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन" की शुरुआत कर रहे हैं.

हमने इस मिशन को "ज्ञान (GYAN) पर ध्यान" और मध्यप्रदेश की "युवा नीति-2023" को केन्द्र में रखकर आकार दिया है. इसका उद्देश्य युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, रोज़गार के अवसर और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना है. यह मिशन शहरी तथा ग्रामीण, पिछड़े और आर्थिक-सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं के कल्याण के लिये है. इसमें महिलाओं, दिव्यांग, युवाओं और किसानों को सशक्त बनाने का प्रयास है.

हमने युवाओं के विकास के लिये विभिन्न मोर्चो पर काम शुरू किया है. युवाओं के लिये विभिन्न विभागों में शासकीय नौकरी की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिये 55 पीएमश्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शुरू किये गये हैं. चिकित्सा शिक्षा के लिये आयुर्वेदिक, एलोपैथिक और होम्योपैथिक तीनों क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है. विगत वर्ष हमने तीन मेडिकल कॉलेज शुरू किये हैं. मुझे यह बताते हुए आनंद है कि पीपीपी मोड पर 2 साल में 25 नये मेडिकल कॉलेज आरंभ किये जायेंगे. औद्योगिकरण में रोज़गारपरक व्यवस्थाओं के लिये प्रदेश के विभिन्न अंचलों में आयोजित की जा रही रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का बड़ा आधार युवा शक्ति है. रीवा, उज्जैन, सहित अन्य आईटी पार्कों के माध्यम से युवाओं को अपनी योग्यता और क्षमता के आधार पर प्रदेश में ही रोज़गार के अवसर उपलब्ध हुए हैं.

  • "स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन" में युवाओं के कौशल संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
  • कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना से रोज़गार के लिए आवश्यक दक्षताओं का विकास किया जाएगा.
  • पर्यटन, कृषि और सेवा क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे.
  • इसके अलावा, युवाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की जाएंगी. युवाओं को पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध जागरूकता और राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों से उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे.
युवा शक्ति मिशन "आत्म दीपो भवः" का घोष है. युवाओं के विकास और निर्माण के लिये जिन पक्षों को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है, वर्षों पूर्व स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं की इसी क्षमता और मेधा को लेकर आह्वान किया था "आत्म दीपो भवः"अर्थात् अपना दीप स्वयं बनो. स्वयं अपने मार्गदर्शक बनो. युवाओं की ऊर्जा के सकारात्मक भाव से ही राष्ट्र की सुरक्षा, समृद्धि के साथ विकास आकार ले सकता है. यह युवाओं की श्रम साधना और कौशल उन्नयन से संभव है.

प्रधानमंत्री जी ने युवा समूह के लिये समुचित प्रोत्साहन की आवश्यकता बताई. यह सुखद संयोग है कि भारत में 15 से 29 वर्ष के युवाओं की संख्या 27.03 प्रतिशत है. यदि युवा सक्षम हैं, सामर्थ्यवान हैं, आत्मनिर्भर हैं तो पूरा समाज और देश उन्नत होगा. स्वामी विवेकानंद जी की इसी बात को ध्यान में रखकर "स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन" के तहत युवाओं में शिक्षा, कौशल विकास और सामुदायिक सेवा जैसे गुणों को विकसित किया जायेगा और उन्हें सक्षम बनाया जायेगा. इसमें युवाओं को नेतृत्ववान बनाने के लिये संसाधन और अवसर होंगे. युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और व्यावसायिक कौशल से प्रशिक्षित कर उन्हें रोज़गार के लिये सक्षम बनाया जायेगा.

मिशन के स्तंभ हैं- संवाद, सामर्थ्य और समृद्धि. संवाद से आत्मविश्वास और नेतृत्व की क्षमता विकसित होगी. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, क्षमता संवर्धन और कौशल विकास से सामर्थ्य विकसित होगा और सामर्थ्यवान युवा समृद्ध होगा.

हमारे लिये यह हर्ष की बात है कि इस मिशन से युवा, स्वामी विवेकानंद जी के आह्वान को सार्थक करने की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे. वे भगवान श्रीकृष्ण की तरह स्वयं दीप बनेंगे और समाज को भी अपनी ऊर्जा और क्षमता से उज्ज्वल करेंगे. स्वामी जी ने युवाओं के लिये कहा था कि "आप भारतीय संस्कृति की विराट विरासत और परंपरा के उत्तराधिकारी हैं." हम विरासत से विकास की अवधारणा को लेकर मध्यप्रदेश के विकास और निर्माण पथ पर अग्रसर हैं.

मुझे संतोष है कि मध्यप्रदेश का युवा प्रदेश सरकार पर भरोसा करता है. इस मिशन से उनके जीवन में नया सूर्य उगे, उनका जीवन आलोकित हो और वे समाज के लिये रचनात्मक और सृजनात्मक कार्यों में सहभागी बनें. युवाओं को जाग्रत करने और भारतीय आध्यात्म और संस्कृति को वैश्विक पटल पर स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानंद जी को पुनश्च नमन.

डॉ मोहन यादव, लेखक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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