International Women's Day 2025 CM Mohan Yadav Blog: "नारी अस्य समाजस्य कुशलवास्तुकारा अस्ति" “नारी समाज की आदर्श शिल्पकार है, भारतीय दर्शन का यह उल्लेख नारी शक्ति और निर्माण का आह्वान है. भारत में नारी सदैव अग्रणी रही है, प्रथमा रही है. मातृशक्ति को आदि शक्ति माना जाता है. हमारी परंपरा, संस्कृति और चिंतन में नारी का सम्मान रहा है. यह हमारे लिये गौरव की बात है कि पूरे संसार ने महिला सशक्तिकरण को स्वीकार किया और 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मैं नारी शक्ति और उनकी उपलब्धियों का अभिनंदन करता हूँ.
प्रधानमंत्री जी ने हमें विकास के साथ विरासत का सूत्र दिया है. भारत की वैचारिक विरासत नारी सम्मान की रही है.यदि सामाजिक वातावरण में मर्यादा होगी, नारी सम्मान होगा तो अपराध अपने-आप कम हो जायेंगे और नारी स्वयमेव सुरक्षित हो जाएगी. इसीलिए भारतीय संस्कृति में नारी सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. अपनी संस्कृति और परंपरा के अनुरूप हमने प्रदेश में आध्यात्मिक स्थलों की पवित्रता और नारी सम्मान के लिये 19 स्थानों को नशामुक्त करने का निर्णय लिया है. इससे हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहेगी, नैतिक मूल्यों को मजबूती मिलेगी, घरेलू हिंसा में नियंत्रण के साथ महिलाओं के सामाजिक तथा आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिलेगा. मुझे उम्मीद है कि शराबबंदी से आध्यात्मिक स्थलों की पवित्रता के साथ महिलाओं के सम्मान को लेकर सकारात्मक बदलाव आयेगा.
माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में भारत विकास की नई करवट ले रहा है. प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में अग्रणी बनाने के लिए ज्ञान (GYAN) के सम्मान का मंत्र दिया है. इसके अंतर्गत गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाना है.
भारतीय जीवनशैली में महिलाओं की भूमिका सदैव अग्रणी रही है. हम जितने अधिक अवसर बहन-बेटियों को देंगे, सुविधाएँ देंगे तो वे समाज को कई गुना लौटाकर देंगी. महिला शक्ति से देश नई ऊँचाई तक पहुँच सकता है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है. समय के साथ शिक्षा, तकनीक और अन्य क्षेत्रों में उनकी भूमिका बढ़ रही है. मोदी जी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास के माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया जिससे महिलाओं की भूमिका न केवल परिवार और समाज के विकास में अग्रणी रहे, अपितु विकसित भारत अभियान में भी उनकी सहभागिता हो. प्रधानमंत्री जी ने आवास, उज्ज्वला, आयुष्मान, मातृ वंदना, महिला स्व-रोज़गार, सुकन्या समृद्धि आदि योजनाओं की श्रृंखला से महिलाओं के समग्र विकास को सुनिश्चित किया है. मेरा मानना है कि नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बड़ी भूमिका निभाएगा.
मुझे यह बताते हुए संतोष है कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के सम्मान और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनप्रतिनिधित्व में एक-तिहाई महिलाओं को शामिल किया है. मध्यप्रदेश, देश का पहला ऐसा राज्य है जिसमें शासकीय सेवाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत कर दिया है. प्रदेश में लाडो अभियान, शौर्या दल, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. बहनों के मान-सम्मान और स्वाभिमान के लिये लाड़ली बहना योजना से महिलाओं को और सैनिटेशन एवं हाइजीन योजना से प्रदेश की 19 लाख बालिकाओं को आर्थिक संबल दिया है. मध्यप्रदेश में किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए किए जा रहे प्रयासों की यूनिसेफ ने सराहना की है.
प्रदेश में लगभग पाँच लाख से अधिक स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने स्वावलंबन का जनांदोलन खड़ा कर दिया है. प्रदेश की बीपीएल श्रेणी की 4 लाख से अधिक महिलाएँ लखपति दीदी बन गई हैं. मध्यप्रदेश में महिलाओं के लिए किये जा रहे प्रयासों का परिणाम है कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के नये आयाम विकसित हुए हैं. वे सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी होकर आत्मनिर्भर हो रही हैं.
माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में महिला सशक्तिकरण के लिए जो कदम उठाये जा रहे हैं, मुझे पूरी उम्मीद है कि इससे बेटा-बेटी, महिला-पुरुष के बीच का भेदभाव समाप्त होगा. महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए समाज, सरकार और कानून सभी का समान रूप से सहयोग आवश्यक है तभी हम बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं. मैं प्रदेश की सभी बहनों को यह विश्वास दिलाता हूँ कि मध्यप्रदेश सरकार और उनका भाई उनके साथ है.
आइये, हम सब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी को सशक्त बनाने का संकल्प लें. इस संकल्प के क्रियान्वयन से ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का दिन सार्थक होगा.
डॉ मोहन यादव, लेखक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.