
World Tourism Day: हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य पर्यटन के महत्व और उसकी सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक भूमिका को पहचानना है. इस साल की थीम "पर्यटन और शांति" (Tourism and Peace) तय की गई है. इसमें पर्यटन को शांति और सद्भाव का एक माध्यम माना गया है. पर्यटन वैश्विक स्तर पर शांतिपूर्ण संवाद के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है. पर्यटन लोगों को विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं से रूबरू कराता है, जिससे सहिष्णुता और समझदारी बढ़ती है. जब लोग एक-दूसरे के जीवन और रीति-रिवाजों को समझते हैं, तो उनके बीच संघर्ष की संभावना कम हो जाती है. पर्यटन के माध्यम से लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता है, जिससे वैश्विक समुदाय का निर्माण होता है, जो अंततः वैश्विक शांति को बढ़ावा देता है.
पेश है मध्यप्रदेश पर्यटन की यह फिल्म, जो आपको घर बैठे मन मोहने वाली यात्रा पर ले चलेगी।
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) September 19, 2023
''देश का दिल'' कहलाने वाले मध्यप्रदेश की माया देखने आपको बार-बार इस अद्भुत प्रदेश आना पड़ेगा। तो इस फिल्म को भी आप बार-बार देखिये और जल्द ही जीवन-भर की इस महाकाव्य यात्रा पर निकल पड़िये। pic.twitter.com/YAwk1kmKaX
मध्यप्रदेश पर्यटन की दृष्टि से अनंत संभावनाओं से भरपूर प्रदेश है. आने वाले समय में मध्यप्रदेश में पर्यटन न केवल आर्थिक वृद्धि का स्रोत बनेगा, बल्कि विश्व भर में शांति और सद्भावना का संदेश भी फैलाएगा. मध्यप्रदेश की प्राकृतिक एवं सामाजिक विविधता और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देकर, हम न केवल अपनी पहचान को सशक्त करेंगे, बल्कि शांति और सद्भाव का एक आदर्श उदाहरण भी प्रस्तुत करेंगे.
पर्यटन का बन रहा रिकॉर्ड
अतुल्य भारत का हृदय प्रदेश यानी मध्यप्रदेश में समृद्ध वन्य जीवन, प्राचीन समृद्ध विरासत, विविध जीवंत संस्कृति देखी जा सकती है. लगभग 112.1 मिलियन पर्यटक आगमन के साथ वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश ने एक नया पर्यटन रिकॉर्ड स्थापित किया है जो वर्ष 2022 में 34.1 मिलियन आगंतुकों की संख्या से तीन गुना है. भारत में सबसे ज़्यादा 785 बाघों के साथ मध्यप्रदेश देश का चीता, घड़ियाल, तेंदुआ और गिद्ध की अधिक संख्या वाला प्रदेश भी है. मध्यप्रदेश 12 राष्ट्रीय उद्यानों का घर है जो प्राकृतिक लुभावने परिदृश्य और विविध वन्यजीव के लिए जाने जाते है. इसके अलावा मध्यप्रदेश में 50 से अधिक अभ्यारण्य और प्राकृतिक दृष्टि से रमणीय स्थल विद्यमान हैं.
ये महोत्सव हैं खास
मध्य प्रदेश में गांधी सागर महोत्सव, जल महोत्सव, चंदेरी महोत्सव और कुनो वन महोत्सव शुरू किए गए हैं. जिसमें ऑल सीजन टेंट सिटी स्थापित किए गए हैं. यहां पर्यटक स्काईडाइविंग, हॉट एयर बैलूनिंग, पैरामोटरिंग, रिवर राफ्टिंग से लेकर ज़मीन, पानी और हवा पर आधारित साहसिक गतिविधियों का अनुभव कर सकते है.
मध्यप्रदेश में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है. मध्य प्रदेश में गहन आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन के प्रामाणिक अनुभव विकसित किए गए है. दो दिव्य ज्योतिर्लिंगों - ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर, चित्रकूट, राम वन गमन पथ, विभिन्न आध्यात्मिक लोक, ओरछा राम राजा मंदिर, भगवान राम और कृष्ण से जुड़े स्थल जिसमें उज्जैन में संदीपनी आश्रम, जानापाव पहाड़ी आध्यात्मिकता का अद्वितीय आनंद से परिपूर्ण है.
होम स्टे से ठहरना हुआ आसान
मध्यप्रदेश में पर्यटन स्थानीय समुदायों के विकास और उत्थान की प्रमुख धूरी बन रहा है. रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की दिशा में बढ़ते हुए ग्रामीण पर्यटन स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाते हुए स्थानीय समृद्ध विरासत और संस्कृति को संरक्षित भी कर रहा है. ग्रामीण पर्यटन मिशन के तहत 100 से अधिक गांवों में 1000 होमस्टे का निर्माण किया जा रहा है. वर्तमान में 16 गांवों में फैले 41 ग्रामीण होमस्टे सहित 305 से अधिक होमस्टे आतिथ्य की गर्मजोशी, आरामदायक आवास, स्थानीय व्यंजनों के स्वाद के साथ क्षेत्र के जीवंत लोक नृत्य और संगीत को पर्यटकों से रूबरू करा रहे है. एक कदम आगे बढ़ महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना अंतर्गत सोलो महिला यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
मध्यप्रदेश खुद को भारत में एक अग्रणी फिल्म निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है. राज्य की फिल्म-अनुकूल नीति, सिंगल-विंडो क्लीयरेंस और आकर्षक प्रोत्साहन ने इसे प्रोडक्शन हाउस के लिए पसंदीदा विकल्प बना दिया है. हाल ही में मध्यप्रदेश के चंदेरी में शूट की गई फिल्म स्त्री-2 घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 600 करोड़ की कमाई करने वाली पहली हिंदी फिल्म बन गई है. एक कदम आगे जाते हुए भारत की तरफ से ऑस्कर में भेजी जाने वाली फिल्म लापता लेडीज भी मध्यप्रदेश में ही शूट हुई है. यह प्रदेश के लिए गौरव का विषय है.
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