Madhya Pradesh Assembly Elections: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. चुनावों (Assembly Elections) को लेकर नामांकन दाखिल कराने का सिलसिला जारी है. तमाम जिलों के उम्मीदवार कलेक्ट्रेट पहुंचकर फॉर्म जमा कर रहे हैं. ग्वालियर (Gwalior) जिले के तीन में से दो कांग्रेस विधायकों ने नामांकन पत्र दाखिल किए. प्रवीण पाठक (Praveen Pathak) ने ग्वालियर दक्षिण (Gwalior South) से और सुरेश राजे (Suresh Raje) ने डबरा सुरक्षित सीट से नामांकन पत्र दाखिल किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम धार्मिक व्यक्ति हैं. पूजा अर्चना के बाद शुभ मुहूर्त में नामांकन दाखिल करने आए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बदलाव की लहर चल रही है. हम लोग ही जीतेंगे और प्रदेश में कमलनाथ की सरकार भी बनेगी क्योंकि प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है.
कांग्रेस विधायक ने पहले मंदिर में की पूजा
विधायक पाठक ने 'रोकड़िया सरकार हनुमान मंदिर' एवं 'अचलेश्वर महादेव मंदिर' पर पूजा अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद लिया. इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन फार्म जमा किया. इस दौरान विधायक पाठक के साथ कांग्रेस के कई पदाधिकारी एवं समर्थक मौजूद थे. पाठक ने मीडिया से कहा, "मुझे लगता था कि भाजपा इतना चिंतन मनन कर रही है इसलिए कोई और बेहतर और अच्छा प्रत्याशी लेकर आएगी. ऐसा नहीं हुआ क्योंकि 15 साल तक उन्होंने क्या किया...? ये पूरा शहर जानता ही है. वे खुद भी कहते रहे हैं कि उनकी कोई सुनता नहीं है. ग्वालियर दक्षिण से बीस साल से भाजपा तो जीती लेकिन जनता सदैव हारी. पाठक ने नगर निगम आयुक्त भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं."
यह भी पढ़े :Health Tips: सुबह खाली पेट पानी पीने के इन फायदों के बारे में जानते हैं आप?
सुरेश राजे ने डबरा सीट से भरा नामांकन
कांग्रेस ने डबरा सीट से उप चुनाव में जीत हासिल करने वाले सुरेश राजे को ही एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने भी अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. उन्होंने इसके बाद मीडिया से कहा कि मैं धार्मिक व्यक्ति हूं. मुहूर्त के अनुसार नामांकन भरने आया हूं. उन्होंने कहा कि मेरा एक ही नारा है..."डबरा का विकास हो." लाडली बहना को उन्होंने चुनावी बताते हुए कहा कि इससे अच्छी योजना कमलनाथ के पास है जिसे सरकार बनते ही लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि डबरा का दुर्भाग्य है कि हमारे यहां से अनेक मंत्री रहे लेकिन उन्होंने डबरा के लिए कुछ नहीं किया.