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व्यापम 2.0: आधार हेराफेरी से MP पुलिस भर्ती में घुसे नकली कांस्टेबल, देशभर में फैला रैकेट

मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस पूरे खेल को इतने शातिराना तरीके से और बड़े पैमाने पर अंजाम दिया गया जिससे बहुचर्चित व्यापम घोटाले की याद आ गई. जानकार इसे व्यापम 2.0 मान रहे हैं.

व्यापम 2.0: आधार हेराफेरी से MP पुलिस भर्ती में घुसे नकली कांस्टेबल, देशभर में फैला रैकेट

MP Police Recruitment Exam: मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस पूरे खेल को इतने शातिराना तरीके से और बड़े पैमाने पर अंजाम दिया गया जिससे बहुचर्चित व्यापम घोटाले की याद आ गई. जानकार इसे व्यापम 2.0 मान रहे हैं. गड़बड़ी तो साल 2023 की भर्ती परीक्षा में पकड़ में आई है लेकिन ऐसा जांच में ये साफ संकेत मिल रहे हैं कि इसे अंजाम देने वाला रैकेट काफी पहले से सक्रिय रहा है. यानि यानी मध्य प्रदेश में हुई पिछली सरकारी भर्तियों में भी इसका इस्तेमाल हुआ हो सकता है...क्या है पूरा मामला पढ़िए इस रिपोर्ट में

एक कांस्टेबल की वर्दी पहनने की चाह में शुरू हुआ खेल… लेकिन तरीका ऐसा जो पुलिस के ही सिस्टम को मात दे गया. मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023 परीक्षा एक ऐसे हाई-टेक रैकेट की गिरफ्त में आ गई, जिसने तकनीक,आधार और पैसा — तीनों का बेहद शातिराना तरीके से इस्तेमाल किया. जिसका अंजाम ये हुआ कि असली उम्मीदवारों की जगह सॉल्वर परीक्षा में बैठे और पकड़े भी नहीं गए. इनमें से  कई तो वर्दी पहनने ही वाले थे लेकिन खेल खुल गया.

शुरुआत मुरैना से, एक छोटी सी गड़बड़ी ने 100 करोड़ के खेल की पोल खोली

अक्टूबर-नवंबर 2024 में मुरैना में पीपीटी (शारीरिक दक्षता परीक्षा) के दौरान पुलिस अधिकारियों को शक हुआ. क्योंकि, कुछ अभ्यर्थियों की तस्वीर और बायोमेट्रिक आधार डाटा बार-बार बदला गया था. शक गहरा हुआ, और राज्य पुलिस की चयन शाखा ने जांच शुरू की.जांच आगे बढ़ी तो सामने आया —ग्वालियर,मुरैना,श्योपुर,गुना, शिवपुरी, राजगढ़,शहडोल, अलीराजपुर और इंदौर तक फैला एक जाल, जहां आधार आईडी में हेरफेर कर असली उम्मीदवारों की जगह नकली परीक्षार्थियों (सॉल्वर) को परीक्षा में बैठाया गया.  

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व्यापम की याद ताजा: पुलिस भर्ती घोटाले का नया संस्करण?

2013 के व्यापम घोटाले में भी सॉल्वर बैठाए गए थे, लेकिन अब खेल और भी तकनीकी हो गया है. आधार अपडेट का ग़लत इस्तेमाल, बायोमेट्रिक्स की हेराफेरी, और आधार केंद्रों की मिलीभगत — इस बार पूरा ऑपरेशन कहीं ज्यादा संगठित और विस्तार वाला निकला. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “अब तक कुल 19 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी जैसे जिलों में गहन जांच चल रही है।”

बिहार से लेकर भिंड तक — पूरे देश से जुड़े तार

जांच में पता चला कि कई सॉल्वर बिहार से थे, और कुछ ने एक से ज्यादा जिलों में अलग-अलग उम्मीदवारों की जगह परीक्षा दी.एक अकेले सॉल्वर ने छह उम्मीदवारों की परीक्षा दी, जिनमें से पांच का चयन हो चुका था. सूत्रों के अनुसार ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से दो सॉल्वर,जो रावत (मीणा) समुदाय से हैं, 16 से ज्यादा परीक्षार्थियों की तरफ से परीक्षा में बैठे. इनमें से कई का चयन हो गया. 

कौन चला रहा था ये रैकेट? जातीय ताकत और पैसे का मिला तड़का

ग्वालियर-चंबल के कई प्रभावशाली लोग इस रैकेट के मास्टरमाइंड निकले.ये लोग उम्मीदवारों से 10-15 लाख रुपये लेते, जिसमें से 4-5 लाख सॉल्वर को जाते. आधार केंद्रों से मिलीभगत थी. भितरवार (ग्वालियर), मुरैना और श्योपुर जैसे इलाकों के चुनिंदा केंद्र इस धंधे का अड्डा बन गए थे.

अब तक क्या हुआ, और क्या हो सकता है?

इस मामले में अब तक 19 एफआईआर दर्ज हो चुकी है और 12 गिरफ्तारियां हुई हैं. जिसमें सॉल्वर, लाभार्थी और आधार केंद्र संचालक शामिल हैं. इसके अलावा 20+ उम्मीदवार चिन्हित या नकली तरीके से भर्ती की कोशिश करते पकड़े गए. 100+ मामलों में शक की सुई के आधार पर जांच हो रही है. जाहिर है जांच में तेजी के साथ खुलासे और बढ़ सकते हैं. 

कहानी यहीं खत्म नहीं होती...

संकेत हैं कि ये रैकेट 2023 से पहले से भी सक्रिय था. यानी मध्य प्रदेश में हुई पिछली सरकारी भर्तियों में भी इसका इस्तेमाल हुआ हो सकता है. इतना ही नहीं, इस गिरोह का लिंक MP से बाहर के राज्यों के बड़े परीक्षा माफिया से भी जुड़ा हो सकता है. बहरहाल मध्यप्रदेश पुलिस अब प्रत्येक उम्मीदवार से आधार अपडेट हिस्ट्री और चरित्र प्रमाणपत्र मांग रही है. यही वजह है कि नियुक्ति से पहले ही कई फर्जीवाड़ा करने वाले पकड़े जा चुके हैं.इस घोटाले ने न सिर्फ भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आधार जैसी अहम पहचान प्रणाली के दुरुपयोग की खतरनाक मिसाल भी पेश की है. NDTV इस मामले की हर परत को खोलता रहेगा... क्योंकि सवाल सिर्फ गलत भर्ती का नहीं, भरोसे का भी है. 
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