
Dalit Beaten in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले के बड़ामलहरा थाना इलाके में 15 सितंबर को कई दलितों के साथ मारपीट (Violence with Dalit) की घटना सामने आई थी. घायलों में से एक शख्स लापता हो गया था. चाली खंगार नाम के दलित को अगवा कर लिया गया था. इसकी गुमशुदगी का मामला थाना पुलिस (Chhatarpur Police) में दर्ज कराया गया था. उसकी सड़ी-गली लाश गांव के नजदीक स्थित जंगल में एक पेड़ से लटकती हुई मिली. लाश को देख कर समझ आ रहा था कि उसे बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया और उसे जान से मार दिया गया था. मामले में परिजनों ने कांग्रेस नेता पर भी आरोप लगाएं हैं और जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने की SP से गुहार लगाई है.
घर लौटते समय कर दी थी पिटाई
बड़ामलहरा पुलिस थाना, इलाकाई बरमा गांव के रहने वाले भागीरथ खगार, वीरेंद्र खंगार, कपूरीबाई खंगार और चाली खंगार के साथ चार लोगों ने लाठी-डंडों से उस समय मारपीट की थी, जब चारों टैक्सी से अपने गांव जा रहे थे. इन पीड़ितों की शिकायत पर बड़ामलहरा पुलिस ने बर्मा गांव निवासी तीन नामजद और एक अन्य के खिलाफ मारपीट एवं SC-ST Act के तहत मामला दर्ज किया था. इसके बाद, अगले दिन 16 सितंबर को भागीरथ का पुत्र चाली खंगार खेत पर गया, लेकिन घर वापिस नहीं आया. परिजनों ने बड़ामलहरा पुलिस थाना में उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था और जिला एसपी आगम जैन को लिखित आवेदन दिया था.
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जंगल में मिली लाश
मृतक के पिता एवं भाई ने पुलिस के साथ मिलकर जंगल में गुमशुदा चाली खंगार की तलाश की. तलाश के दौरन शनिवार को उन्हें नाले के पास लगे हुए बरगद के पेड़ पर उसका शव लटकता हुआ मिला. मृतक की पहचान उसके जूतों से हो पाई. उधर, बेटे की इस हालत में मौत से गुस्साये परिजनों ने सेंधपा गांव में पुलिस चौकी के सामने चक्का जाम कर दिया. परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपी रामपाल घोष, गजेंद्र सिंह, घोष नरेंद्र सिंह घोष और एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर चाली की हत्या की है. परिजनों का यह भी आरोप है कि चाली की हत्या को अब आत्महत्या की शक्ल दी जा रही है. पुलिस अफसरों की समझाइश और मशक्कत के एक घंटे बाद जाम खुल पाया.
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