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This Article is From Dec 11, 2023

विंध्य की राजनीति में बेहद ताकतवर राजेंद्र शुक्ला होंगे नए डिप्टी सीएम, जानें उनका राजनीतिक सफर...

विंध्य की राजनीति में बेहद सक्रिय रहने वाले दिग्गज नेता राजेंद्र शुक्ला को मध्य प्रदेश का नया डिप्टी सीएम चुना गया है. राजेंद्र शुक्ला शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी माने जाते हैं. इसके साथ ही वे एक कुशल राजनीतिज्ञ भी हैं.

विंध्य की राजनीति में बेहद ताकतवर राजेंद्र शुक्ला होंगे नए डिप्टी सीएम, जानें उनका राजनीतिक सफर...
राजेंद्र शुक्ला का राजनीतिक करियर 1986 में शुरू हुआ था. (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश में सोमवार को नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो गया है. इसके साथ ही दो उप मुख्यमंत्रियों को नाम का भी ऐलान हुआ है. जिनमें राजेंद्र शुक्ला का नाम भी शामिल है. राजेंद्र शुक्ला मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र से आते हैं. वे विध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता और बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं. इसके साथ ही शुक्ला को शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी माना जाता है. सियासी दांव पेंच में माहिर शुक्ला की पकड़ विंध्य की राजनीति में बेहद मजबूत मानी जाती है. विंध्य की राजनीति को साधने के लिए शिवराज कैबिनेट में राजेंद्र शुक्ला शामिल रहै हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में रीवा सीट से जीतकर राजेंद्र शुक्ला लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं.

1986 में शुरू हुआ सियासी सफर

राजेंद्र शुक्ला का राजनीतिक सफर 1986 में शुरू हुआ, जब वह अपनी पढ़ाई के दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद उन्होंने 1998 के विधानसभा चुनाव में विधायकी के लिए पहली बार अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन वे 1394 वोटों के करीबी अंतर से चुनाव हार गए.

पहली ही बार में बने मंत्री

जिसके बाद 2003 में राजेंद्र शुक्ला एक बार फिर चुनावी मैदान मैदान में उतरे और उन्होंने 1998 की हार का बदला लेते हुए तत्कालीन विधायक पुष्पराज सिंह को हराया. पहली बार विधायक बने शुक्ला को अपने पहले ही कार्यकाल में मत्रिपरिषद में शामिल किया गया. उन्हें मध्य प्रदेश सरकार में आवास और पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद मिला. इसके बाद 2008 विधानसभा चुनाव में राजेंद्र शुक्ला ने एक बार फिर जीत हासिल की और उन्हें इस बार ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय सौंपकर प्रमोट किया गया.

2013 के विधानसभा चुनाव में जीत के साथ ही राजेंद्र शुक्ला के ऊपर दारोमदार बढ़ता गया. इस बार उन्हें उद्योग नीति और निवेश संवर्धन मंत्री के रूप में कैबिनेट में जगह मिली. इसके साथ ही वे जनसंपर्क मंत्री और मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे. 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर शुक्ला लगातार चौथी बार विधायक बने, लेकिन 2018 बीजेपी की हार के बाद प्रदेश में कांग्रेस ने सरकार बनाई.

चुनाव से पहले मंत्री बन सबको चौंकाया

2020 में प्रदेश में हुए सियासी उठापटक में बीजेपी की सरकार तो बन गई, लेकिन इस बार सिंधिया और शिवराज गुट को बैलेंस करने में राजेंद्र शुक्ला को सरकार में जगह नहीं मिली. जिसके बाद माना सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हुईं. लेकिन, 2023 आते-आते राजेंद्र शुक्ला ने एक बार फिर जबरदस्त वापसी करते हुए सियासी चर्चाओं पर विराम लगा दिया. इस बार उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया और जनसंपर्क और लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया.

जानें शुरूआती जीवन के बारे में

राजेंद्र शुक्ला के शुरूआती जीवन की बात करें तो, उनका जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था. उनके पिता भैयालाल शुक्ला एक ठेकेदार और सामाजिक कार्यकर्ता थे. उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसी दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की और 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने.

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