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MP विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे की मुश्किलें बढ़ीं, रेप केस की फिर शुरू होगी जांच

Hemant Katare Rape case News: MP सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2024 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये आदेश जारी किया है.

MP विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे की मुश्किलें बढ़ीं, रेप केस की फिर शुरू होगी जांच

Hemant Katare Rape Case: भिंड जिले के अटेर से कांग्रेस विधायक और मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे (Hemant Katare) की मुश्किलें एक फिर से बढ़ गई है. दरअसल, उनके खिलाफ 2018 रेप केस की जांच फिर से शुरू होगी. खुद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कटारे के खिलाफ भोपाल (Bhopal) रेंज के डीआईजी की निगरानी में जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि, कटारे को गिरफ्तारी से छूट दी गई है.

सर्वोच्च अदालत ने उनसे जांच में पूरा सहयोग करने को कहा है. गौरतलब है कि MP सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2024 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये आदेश जारी किया है.

गिरफ्तारी पर लगाई रोक

हेमंत कटारे की ओर से वकील मीनेश दुबे के सहयोग से वरिष्ठ वकील गगन गुप्ता  ने कोर्ट में पक्ष रखा. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की निगरानी डीआईजी भोपाल करेंगे, ताकि निष्पक्षता बनी रहे.
साथ ही कहा कि अगर वो जांच में सहयोग करते हैं तो अगली सुनवाई तक हेमंत कटारे की गिरफ्तारी न की जाए.  

ये है मामला

दरअसल, जनवरी 2018 में भोपाल में पत्रकारिता की एक स्नातकोत्तर छात्रा ने हेमंत कटारे के खिलाफ बलात्कार, अपहरण और धमकी देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराई थी. इसके बाद फ़रवरी 2018 में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कटारे ने दोस्ती के बहाने उसका कई बार शोषण किया और बाद में उसे ब्लैकमेल किया. मामले से जुड़ा एक वीडियो भी ऑनलाइन सामने आया था.

कटारे ने आरोपों को बताया था फंसाने की साजिश

इसके बाद मार्च 2018 में इसके जवाब में कटारे ने युवती पर झूठा फंसाने का आरोप लगाया और ब्लैकमेल व जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए एक जवाबी मामला दर्ज करा दिया था.

अपने बयान से पलट गई थी युवती

इसके बाद अप्रैल 2018 को युवती मीडिया के सामने आई और कहा कि उसके आरोप झूठे हैं और कटारे निर्दोष हैं. हालांकि, बाद में उसने अपना बयान वापस ले लिया और अपनी मूल शिकायत पर कायम रही.

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हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी सरकार

दिसंबर 2024 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कटारे को जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की. हाईकोर्ट के आदेश के बाद जनवरी 2025 में मध्य प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 4 अगस्त, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि जांच डीआईजी स्तर की निगरानी में की जाए और जब तक कटारे जांच में पूरा सहयोग करते हैं, तब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी.

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