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प्याज ने रुलाया, टमाटर के भाव हुए लाल, ऐसा है सब्जियों के दामों का हाल, एक वक्त का खाना भी...

Sabzi ke Daam: मध्यमवर्गीय लोग सब्जियों के बढ़े हुए दाम के कारण जूझ रहे हैं. घरेलू बजट को सब्जियों के रेट ने पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. 

प्याज ने रुलाया, टमाटर के भाव हुए लाल, ऐसा है सब्जियों के दामों का हाल, एक वक्त का खाना भी...
MP Vegetables Rates: कम नहीं हो रहे हैं टमाटर के दाम

MP News: हरी सब्जियों (Green Vegetables) के दाम पूरे देश में आसमान छू रहे हैं. सामान्य या गरीब लोगों को एक टाइम भी सब्जी बनाने के लिए सोचना पड़ रहा है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले में दो सप्ताह पहले तक जो टमाटर (Tomato Price) 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, आज उसके भाव 90 रुपये तक पहुंच गए हैं... इसी प्रकार प्याज (Onion Price) के दाम 30 रुपये से बढ़कर 60 रुपये पर पहुंच गए हैं. हरी सब्जियों की कीमत में उछाल आने से अन्य सब्जियों की कीमत में भी उछाल देखने को मिल रहा है. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में सब्जियों के भाव और बढ़ेंगे. 

हरी सब्जी के दाम छू रहे आसमान

हरी सब्जी के दाम छू रहे आसमान

ये है बाजार में सब्जियों का हाल

शहर के विभिन्न स्थानों पर प्रतिदिन लगने वाली हाट-बाजार में टमाटर 90 और प्याज 60 रुपये प्रति किलो बिक रही है. वहीं, लहसुन 400 रुपये, शिमला मिर्च 120 रुपये, हरी मिर्च 80 रुपये, अरबी 60 रुपये, बरबट्टी 40 रुपये, पालक 40 रुपये, भिंडी 30 रुपये, खीरा 30 रुपये और आलू 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इन प्रमुख हरी सब्जियों में यह उछाल इसलिए आया है क्योंकि बीते दिनों जिले के किसानों द्वारा उगाई गई सब्जी की फसलें कम हो गई हैं. इसलिए स्थानीय उत्पादन की आवक कम हो गई है. अब जिले के किसान इन सब्जियों की बोवनी अपने खेतों में कर रहे हैं. 

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इस वजह से बढ़े रेट्स

अगल एक माह तक स्थानीय सब्जियां बाजार में नहीं आएंगी और कीमत कम नहीं होने की उम्मीद है. कुछ लोगों से इसके बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि जिले के बाहर से आने वाली सब्जियां परिवहन के कारण थोक बाजार में महंगी बिक रही है. इसलिए लोकल मार्केट में भी इनके रेट अधिक है. लोगों को कुछ और दिनों तक महंगाई की ये मार झेलनी पड़ेगी. किसान प्रेमलाल कुशवाहा और राजू रैकवार ने बताया कि गर्मी के सीजन में लगाई गई हरी सब्जियों की फसलों का समय पूरा हो गया है. इसलिए स्थानीय सब्जियों की आवक घट गई है. वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्र के किसान सब्जी की फसल लगा रहे हैं. जिसका उत्पादन एक माह बाद आने की उम्मीद है. 

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