UPSC Sabziwala: इंदौर उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रदेशभर के छात्रों का केंद्र बन गया है. हर साल यूपीएससी, एमपीएससी और अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां सैकड़ों विद्यार्थी आते हैं. मूल रूप से एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले भूपेंद्र सिंह भी उन्हीं छात्रों में से एक हैं. यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी करते हुए उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए एक अनोखी पहल की.
भूपेंद्र ने इंदौर में "यूपीएससी सब्जी वाला" नाम से अपनी सब्जी की दुकान शुरू की है. उनका कहना है कि आर्थिक जरूरतों को पूरा करने और अपने परिवार की मदद के लिए उन्होंने यह रास्ता चुना. अब उनकी दुकान को एक साल हो चुका है और वे इसे और व्यवस्थित करने के लिए वेबसाइट भी विकसित कर रहे हैं.
इंदौर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थी ने खोली सब्जी की दुकान, टफ कम्पटीशन होने के चलते इसे रखा साइड ऑप्शन #MadhyaPradeshNews pic.twitter.com/LaGxUjXpH6
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) December 4, 2024
टीम में सभी सदस्य कर रहे हैं यूपीएससी की तैयारी
भूपेंद्र ने बताया कि उनकी टीम में 10 सदस्य हैं, जो सभी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. पढ़ाई के साथ-साथ वे दुकान चलाने में भी हाथ बंटाते हैं. यह पहल न केवल उनके लिए आर्थिक सहारा बनी, बल्कि टीम के अन्य सदस्यों को भी सपोर्ट प्रदान कर रही है.
टफ कम्पटीशन के कारण रखा साइड ऑप्शन
भूपेंद्र का कहना है कि यूपीएससी जैसी परीक्षा में कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते सफलता की संभावना कम होती है. ऐसे में उन्होंने सब्जी की दुकान को एक सेफ्टी नेट के रूप में चुना. उनका कहना है कि नौकरी मिलने तक यह दुकान उनके परिवार को आर्थिक स्थिरता प्रदान कर रही है.
"कम सीटें और ज्यादा उम्मीदवार, दूसरा विकल्प जरूरी"
एनडीटीवी से बातचीत में भूपेंद्र ने बताया कि यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में सफलता पाना हर किसी के लिए आसान नहीं है. "कम सीटें और ज्यादा उम्मीदवारों के चलते सफलता की संभावना कम हो जाती है. ऐसी स्थिति में, एक साइड ऑप्शन होना बेहद जरूरी है.
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एक प्रेरणादायक पहल
"यूपीएससी सब्जी वाला" केवल एक दुकान नहीं है, बल्कि यह छात्रों के संघर्ष और मेहनत की कहानी है. भूपेंद्र जैसे विद्यार्थी यह संदेश देते हैं कि कठिनाइयों से घबराने के बजाय उनका समाधान ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए. यह पहल अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है.
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