
Chandrashekhar Mehra Selected For UPSC: यूपीएससी में एक बार चयनित होने का सपना लिए देश में लाखों विद्यार्थी अपनी तकदीर आजमाते हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नरसिंहपुर (Narsinghpur) के रहने वाले चंद्रशेखर मेहरा (Chandrashekhar Mehra) उनमें से एक हैं, जिन्होंने सिविल सर्विस (Civil Services Exam) में जाने का ख्वाब देखा और उसे हकीकत में बदला. सबसे खास बात यह है कि चंद्रशेखर को यह सफलता पहली बार नहीं मिली है. इस बार उन्होंने लगातार चौथी बार यूपीएससी के एग्जाम में सफलता पाई है. नरसिंहपुर जिले के किसान परिवार में जन्मे चंद्रशेखर मेहरा ने इस बार यूपीएससी (UPSC 2023) में 947 वीं रैंक हासिल की है. हालांकि, उनका प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना इस बार भी अधूरा रह गया.
चंद्रशेखर के बड़े भाई ने यह कहा
करेली में रहने वाले चंद्रशेखर के बड़े भाई सतीश मेहरा का परिवार इस बात से थोड़ा गमजदा जरूर है, लेकिन लगातार चार बार यूपीएससी में चयनित होने की खुशी भी कम नहीं है. जिसके चलते उनका परिवार बाकायदा मिठाई खिलाकर सभी का मुंह मीठा कर रहा है. चंद्रशेखर के भाई बताते हैं कि देशवासियों की सेवा करने का मकसद है जो पूरा हो रहा है. इस बार कुछ कमी रह गई, लेकिन हार नहीं मानने वाले. अगली बार कोशिश में कोई कमी नहीं रखी जायेगी.
वर्तमान में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर हैं पदस्थ
नरसिंहपुर के करेली के सगौरिया गांव में रहने वाले चंद्रशेखर मेहरा भोपाल में आयकर विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर हैं. उनकी कोशिश प्रशासनिक सेवा में जाने की थी, जिसका मलाल जरूर चंद्रशेखर को है. लेकिन, यूपीएससी जैसे देश के सबसे कठिन एग्जाम में लगातार चार बार चयन पाना कोई आसान काम नहीं. उनके पिता गांव में खेती करते हैं. खास बात यह है कि चंद्रशेखर संयुक्त परिवार के सदस्य हैं. जिसकी बदौलत उन्हें पढ़ने में कभी कोई जिम्मेदारी आड़े नहीं आई और घर के महिला व पुरुष सभी सदस्यों ने मिलकर चंद्रशेखर को पढ़ने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी.
चंद्रशेखर की भतीजी भी क्रैक करना चाहती है UPSC
चंद्रशेखर से प्रेरणा लेकर उनकी भतीजी मानवी भी नवोदय में करेली से चयनित होने वाली इकलौती छात्रा रही है और मन लगाकर पढ़ाई कर रही है. उसका सपना है कि वह भी यूपीएससी टॉपर बने. चंद्रशेखर की पिछली उपलब्धि पर उन्हें एक निजी स्कूल द्वारा शहर में सम्मानित किया गया. शहरवासियों को भी उनकी इस उपलब्धि पर फक्र है.
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