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Ujjain Simhastha 2028: श्रद्धालुओं को पैदल नहीं चलना पड़ेगा! प्रशासन ने की तगड़ी तैयारी, जानिए पूरा प्लान

उज्जैन सिंहस्थ 2028 (Ujjain Simhastha 2028) की तैयारियां जोरों पर हैं. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए Simhastha Kumbh Mela development plan के तहत 20 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट शुरू किए हैं. घाटों का विस्तार, नया MR-22 रोड, बस सेवा और VIP arrangements जैसी व्यवस्थाएं की जा रही हैं.

Ujjain Simhastha 2028: श्रद्धालुओं को पैदल नहीं चलना पड़ेगा! प्रशासन ने की तगड़ी तैयारी, जानिए पूरा प्लान

Ujjain Simhastha 2028: मध्य प्रदेश के उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुंभ 2028 की तैयारियों में प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है. मेले से जुड़े निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं. मेला अधिकारी आशीष सिंह और कलेक्टर रोशन सिंह ने खुद निर्माण स्थलों का दौरा किया और मीडिया को पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि इस बार सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की सुविधा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है.

20 हजार करोड़ की लागत  

सिंहस्थ 2028 के लिए कुल 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से बड़े स्तर पर विकास कार्य किए जा रहे हैं. कलेक्टर रोशन सिंह ने बताया कि प्रशासन सभी प्रोजेक्ट्स पर बारीकी से नजर रखे हुए है. पहले उज्जैन में सिर्फ 9 किलोमीटर तक घाट थे, लेकिन अब इन्हें 29 किलोमीटर तक विस्तार दिया जा रहा है. 2026 के अंत तक ये सभी घाट श्रद्धालुओं के लिए तैयार हो जाएंगे.

श्रद्धालुओं को नहीं करनी पड़ेगी पैदल यात्रा

इस बार प्रशासन की योजना श्रद्धालुओं को कम से कम पैदल चलना पड़े, इसके लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं. श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम बनाने के लिए एक नया रोड एमआर-22 तैयार किया जा रहा है, जो अधिकांश घाटों को आपस में जोड़ेगा. इसके अलावा घाटों तक श्रद्धालुओं की आसान पहुँच के लिए बस सेवा भी उपलब्ध कराई जाएगी.

हर नहान पर 2.5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि सिंहस्थ के हर नहान पर्व पर करीब 2.5 करोड़ श्रद्धालु उज्जैन पहुंच सकते हैं. इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए सुरक्षा, यातायात और ठहराव की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मेले के दौरान किसी को असुविधा न हो, इसके लिए हर जोन में अलग-अलग कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे.

वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए अलग व्यवस्था

कलेक्टर रोशन सिंह ने बताया कि इस बार वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए भी अलग सुविधा रहेगी. दत्त अखाड़ा घाट की ओर एक हेलीपैड बनाया जा रहा है, जिससे सीधे रंजीत हनुमान या त्रिवेणी घाट तक पहुंचा जा सकेगा. इससे वीआईपी आगंतुक सीधे स्नान क्षेत्र तक आसानी से जा सकेंगे.

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सात जोन में बंटेगा पूरा मेला क्षेत्र

प्रशासन ने मेला क्षेत्र को सात जोनों में बांटने का निर्णय लिया है. इनमें दत्त अखाड़ा क्षेत्र में तीन, महाकाल क्षेत्र में एक, मंगलनाथ क्षेत्र में दो और काल भैरव क्षेत्र में एक जोन बनाया जाएगा. इससे भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर बेहतर नियंत्रण रखा जा सकेगा.

महाकाल घाटी तक चौड़ा होगा रोड 

कलेक्टर ने बताया कि हरी फाटक से महाकाल घाटी तक का मार्ग 24 मीटर चौड़ा किया जा रहा है. इससे न केवल मेले के दौरान बल्कि सामान्य दिनों में भी महाकाल मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को जाम से राहत मिलेगी.

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सिंहस्थ 2028 आधुनिकता और परंपरा का संगम

प्रशासन का दावा है कि सिंहस्थ 2028 देश का सबसे सुव्यवस्थित और आधुनिक कुंभ आयोजन होगा. यहां धार्मिक आस्था, सुव्यवस्थित यातायात और आधुनिक सुविधाएं तीनों का संतुलन देखने को मिलेगा. उज्जैन प्रशासन का लक्ष्य है कि श्रद्धालु यहां केवल दर्शन और स्नान ही नहीं, बल्कि एक यादगार और सुरक्षित अनुभव लेकर लौटें.

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