Ujjain Rape Case Update : मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर के बहुचर्चित रेप केस (Rape Case) का आरोपी पकड़ा गया है, इसके बाद मामले का पटाक्षेप हो गया, लेकिन क्राइम सीन (Crime Scene) रीक्रिएट के दौरान आरोपी द्वारा पुलिस (Attack on Police) पर हमला किया गया लेकिन भागने का प्रयास करते वक्त उसके हाथ-पैर टूट गए. अब पुलिस उसका ऑपरेशन तो करवाएगी ही साथ ही साथ हिरासत से भागने का भी केस दर्ज करेगी.
क्या था मामला?
उज्जैन में 25 सितंबर को एक अर्ध विक्षिप्त बालिका लहू लुहान और अर्ध नग्न हालत में बड़नगर रोड़ पर दांडी आश्रम के पास मिली थीं. गंभीर हालत में मिली बालिका से दुष्कर्म होने की जानकारी ने पूरे देश को झकझोर दिया था. मामले में पुलिस ने दुष्कर्मी का पता लगाने के लिए करीब 500 सीसीटीवी (CCTV) कैमरे के फुटेज और मोबाइल लोकेशन (Mobile Location) के आधार पर बालिका से दुष्कर्म करने वाले महाकाल वाणिज्य केंद्र निवासी आटो चालक भरत पिता राजू सोनी उम्र 24 साल तक पहुंच गई.
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पुख्ता मिलने पर हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो भरत ने यह कबूला कि बालिका उसे स्टेशन के बाहर मिली थी. अर्ध विक्षिप्त देख वह उसे सुबह करीब 5.15 बजे अपनी ऑटो में बिठाकर सुनसान क्षेत्र जीवन खेड़ी ले गया और दुष्कर्म कर दिया. लहूलुहान होने पर भी बालिका उसकी पकड़ से छूटकर अर्ध नग्न हालत में भाग गई.
पुलिस ने रीक्रिएट किया सीन
पूरी घटना सामने आने के बाद टीआई (TI) अजय वर्मा गुरुवार शाम को क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए आरोपी को जीवन खेड़ी ले गए. यहां बालिका के कपड़े और चप्पल मिलने पर पुलिस उसे जप्त कर ही रही थी कि भरत पुलिस से छूटकर भागा और पथराव कर दिया. जिससे दो पुलिसकर्मी घायल हो गए बावजूद पुलिस उसे पकड़ने दोड़ी तो भागते हुए वह गड्ढे में जा गिरा जिससे उसका बाया पैर और दाया हाथ टूट गया और शरीर पर भी काफी गंभीर चोट आई. बाद में टीआई वर्मा उसे उठाकर जिला अस्पताल ले गए और एडमिट कराया.
इस तरह खुला राज, सूचना नहीं देने वाला ऑटो चालक भी फंसा
बालिका के लुलुहान व अर्धनग्न हालात का वीडियो सामने आने पर पुलिस ने सबसे पहले हाटकेश्वर कॉलोनी के पास स्थित एक चाय की दुकान से सीसीटीवी फुटेज निकाले. यहां एकता नगर के राकेश मालवीय की ऑटो से बालिका उतरती दिखी. उस ऑटो चालक को पकड़ा गया, उसकी ऑटो में खून के निशान मिलने के बाद वह पूरी तरह शक के घेरे में आ गया था.
लेकिन उसके द्वारा बताई बातें सच निकालने के बाद पुलिस ने फुटेज के आधार पर तीन अन्य ऑटो चालकों को पकड़ा. बाद में भरत की ऑटो जिसका नंबर एमपी 13 आर 5204 था, वह फुटेज और उसके मोबाइल की लोकेशन के आधार पर जीवन खेड़ी की निकली. आटो के नंबर बिगाड़ने के प्रमाण मिले तो राज खुल गया.
पुलिस ने दिखाई मानवता
पूरे देश को झकझोरने वाली इस घटना में पुलिस की सकारात्मक भूमिका रही है. पीड़िता की गंभीर हालत देखते हुए इंदौर डीआरपी लाइन के नव आरक्षक 4780 संजय कुमार और 3979 जसपाल ने अपना तीन यूनिट ब्लड दिया. वहीं दुष्कर्म पर एसपी सचिन शर्मा (Ujjain SP) ने दस हजार रुपये का इनाम घोषित किया. इसके साथ ही उनकी 28 सदस्यीय एसआईटी टीम (SIT Team) ने लगातार खोजबीन कर 72 घंटे में दरिंदे को गिरफ्त में ले लिया.