Chhatarpur News : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले में राजनगर क्षेत्र के ग्रामीण आक्रोशित हैं. उनके गुस्से की वजह टीचर (Teacher and Student) के द्वारा बच्चों से साथ किया जा रहा भेदभाव (Discrimination) है. जिसके लेकर दर्जनों ग्रामीण कलेक्ट्रेट (Collectorate) और जिला पंचायत (Zila Panchayat) पहुंच गए हैं. इस मामले में ओबीसी महासभा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कलेक्टर छतरपुर (Collector Chhatarpur) से घटना पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की गुहार लगाई है.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला ग्राम पंचायत खैरी अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला खैरी बमीठा का है. इस स्कूल की एक शिक्षिका पर आरोप है कि उसने छुआछूत के कारण बच्चों को स्कूल से बाहर निकाल दिया है. जिसकी वजह से ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. दर्जनों ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट एवं जिला पंचायत सीईओ (CEO) से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है.
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OBC महासभ ने भी आवाज उठाई
ओबीसी (OBC) महासभा ने इस मामले को उठाते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट में एक पोस्ट की है जिसमें लिखा है कि "कुर्मी समाज के बच्चों के साथ छुआछूत, विधालय के शिक्षकों ने कहा जब तक आत्मा कि शुद्धि तेरहवीं नहीं हो जाती तब तक स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. यह घटना मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला राजनगर विधानसभा के ग्राम खेरी कि घटना है. आदरणीय छतरपुर कलेक्टर महोदय जी इस घटना को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई करने कि कृपा करें.
ब्रेकिंग न्यूज:-
— ओबीसी महासभा (रजि.) (@OBC_MP) September 24, 2023
कुर्मी समाज के बच्चों के साथ छुआछूत, विधालय के शिक्षकों ने कहा जब तक आत्मा कि शुद्धि तेरहवीं नहीं हो जाती तब तक स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
यह घटना मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला राजनगर विधानसभा के ग्राम खेरी कि घटना है।
आदरणीय @collchhatarpur महोदय जी इस घटना… pic.twitter.com/mzaoYkHrKA
शिक्षिका पर कठोर कार्रवाई की मांग
इस विद्यालय (School) में पढ़ बच्चों का आरोप है कि शाला प्रभारी जागृति द्विवेदी ने कुछ बच्चों को स्कूल से भगाते हुए बोला कि जब तक तुम्हारे दादाजी का तेरहवीं संस्कार नहीं हो जाता तब तक तुम लोग स्कूल मत आना. इसके बाद बच्चों को स्कूल से निकाल दिया.
बच्चों के साथ ही उनके परिजनों ने भी आरोप लगाए हैं. उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि ऐसी शिक्षका पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्हें सस्पेंड किया जाना चाहिए. ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ तो मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) एवं देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Moidi) छुआछूत जैसे मामलों को खत्म करने की बातें कर रहे हैं, वहीं छतरपुर की शिक्षिका छुआछूत को बढ़ावा दे रही हैं.
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