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ABVP ने आधीरात को कलेक्टर बंगले के बाहर बिस्तर बिछाकर दिया धरना, इस बात को लेकर फूटा था गुस्सा 

MP News: शनिवार की रात को बड़ी संख्या में छात्र एबीवीपी नेताओं के साथ बिस्तर लेकर कोठी रोड स्थित कलेक्टर रोशन सिंह के बंगले पहुंचे और गेट के सामने बिस्तर बिछाकर धरना दे दिया. 

ABVP ने आधीरात को कलेक्टर बंगले के बाहर बिस्तर बिछाकर दिया धरना, इस बात को लेकर फूटा था गुस्सा 

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के उज्जैन में शासकीय पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग महाविद्यालय के हॉस्टल से विद्यार्थियों को बाहर निकालने के मामले के मामले में देर रात हंगामा हो गया.शनिवार दोपहर में आश्वासन के बावजूद छात्रों को पुनः हॉस्टल में नहीं रखने के विरोध में रात को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ बड़ी संख्या में छात्रों ने कलेक्टर बंगले के बाहर बिस्तर बिछाकर धरना दे दिया. करीब ढाई घंटे बैठने के बाद रात 12.15 बजे  छात्र आश्वासन के बाद माने.

ये है मामला 

पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग महाविद्यालय के फर्स्ट ईयर पास कर सेकंड ईयर में गए करीब 120 विद्यार्थियों को 1 अगस्त को जबरन हॉस्टल से निकाल दिया था. इसके विरोध में शनिवार रात बड़ी संख्या में छात्र एबीवीपी नेताओं के साथ बिस्तर लेकर कोठी रोड स्थित कलेक्टर रोशन सिंह के बंगले पहुंचे और गेट के सामने बिस्तर बिछाकर धरना दे दिया. 

सूचना मिलते ही पहुंचे SDM

सूचना मिलते ही एसडीएम एलएन गर्ग मौके पर पहुंचे और छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र हटने को तैयार नहीं हुए. नतीजतन इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज एलएस किटारे और पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रोफेसर आरसी गुप्ता मौके पर पहुंचेय उन्होंने छात्रों को हॉस्टल में ही रहने के अनुमति दी तब जाकर रात 12.15 बजे छात्रों ने आंदोलन खत्म किया. 

दोपहर में कलेक्टर ऑफिस का किया था घेराव 

बता दें कि इस समस्या के विरोध में शनिवार दोपहर एबीवीपी ने छात्रों के साथ कलेक्टर ऑफिस घेरा था. तहसीलदार प्रकाश परिहार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की थी कि बीच सत्र और बारिश के मौसम में विद्यार्थियों को धमका कर उनका सामान बाहर फेंक हॉस्टल से बाहर निकाला है. इसलिए गरीब विद्यार्थियों को रहने की व्यवस्था की जाए. चेतावनी दी थी कि समस्या का समाधान नहीं होने पर सड़क पर उतरेंगे.प्रशासन ने आश्वासन दिया, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया. नतीजतन छात्रों ने रात को अनोखे तरीके से प्रदर्शन कर दिया.

एक साल में निकालने का नियम 

इस संबंध में इंजीनियरिंग कॉलेज के इंचार्ज प्रो. एलएस किटारे ने बताया कि हॉस्टल में मात्र 24 कमरे हैं और 78 छात्रों को रहने 5की व्यवस्था है. वहीं जूनियरों से रैंकिंग न हो इसलिए इसी शर्त पर छात्रों को रुम दिया जाता है कि वे सेकंडियर में जाते ही हॉस्टल छोड़ देंगे,जिससे नए छात्राओं को दिया जा सका. पास हुए छात्रा को दो माह से नोटिस दे रहे थे. खाली नहीं करने पर उनका सामान निकालकर रूम में ताला लगा दिया था.

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शासन के आदेश तक यथास्थिति

एबीवीपी के महानगर मंत्री आदर्श चौधरी ने बताया किपॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग महाविद्यालय के छात्रावास से विद्यार्थियों को बाहर करने के विरोध में एबीवीपी ने कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया था. आश्वासन के बाद भी निराकरण नहीं होने पर कलेक्टर बंगले पर छात्रों के साथ बिस्तर लेकर पहुंचे. मामले में एसडीएम गर्ग ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल गुप्ता ने शासन से बात करने तक छात्रों को पुनः हॉस्टल में रहने की इजाजत दे दी. जिससे मामले का पटाक्षेप हो गया.

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