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Prasadam Controversy: लड्‌डू विवाद के बीच जानिए कैसे बनता है खजराना गणेश मंदिर का प्रसाद?

Khajrana Ganesh Mandir: इन दिनों देशभर में मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इस बीच NDTV की टीम इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर पहुंची और यहां पर तैयार होनी वाली भोजन प्रसादी की पूरी प्रक्रिया समझी. आइए देखिए हमारी खास रिपोर्ट...

Prasadam Controversy: लड्‌डू विवाद के बीच जानिए कैसे बनता है खजराना गणेश मंदिर का प्रसाद?

Laddu Controversy: तिरुपति लड्‌डू प्रसाद (Tirupati Laddoo Controversy) विवाद के बीच देश के कई मंदिरों में प्रसाद की जांच होने लगी है. प्रसाद की गुणवत्ता पर सवाल भी उठने लगे हैं. इस बीच NDTV ने इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की पड़ताल की, जहां प्रतिदिन अन्नपूर्णा क्षेत्र में भोजन प्रसादी बनाई जाती है. हमने जाना कि वहां कैसे प्रसाद की शुद्धता को बरकरार रखा जाता है? क्या मापदंड बनाए गए हैं और कैसे सामग्री इस्तेमाल होती है? हमने मंदिर के मुख्य संचालक पंडित अशोक भट्ट और अन्नक्षेत्र प्रभारी जया महाजन से पूरी प्रक्रिया को समझा.

कितने लोग हर दिन प्रसाद ग्रहण करते हैं?

मंदिर के अन्नक्षेत्र में हर दिन करीब 2 से ढाई हजार लोग भोजन प्रसादी ग्रहण करते हैं. सुबह की प्रसादी 11:30 बजे से शुरू होती है. वहीं शाम की प्रसादी 4:30 बजे से शुरू होती है. वर्ष 1990 से शुरू हुए भोजन प्रसादी में आज तक मंदिर प्रबंधन को कोई शिकायत नहीं मिली. गुणवत्ता की जांच के लिए लैब टेस्टिंग के साथ हर 6 महीने में प्राइवेट तथा हर वर्ष सरकारी लैब में टेस्टिंग होती है.

इंदौर के खजराना गणेश मंदिर अन्नक्षेत्र से हमारी ग्राउंड रिपोर्ट में हमने भोजन प्रसादी बनने की प्रक्रिया को करीब से जाना. यहां शुरुआत में जो सामग्री आती है, उसकी लैब टेस्टिंग अनिवार्य है. गेहूं को साफ किया जाता है फिर आटा तैयार होता है. जो सब्जियां आती हैं, उन्हें दो बार साफ पानी से और एक बार नमक के पानी से धोया जाता है.

साल 1990 में शुरू हुआ अन्नक्षेत्र आज तक कोई शिकायत नहीं

खजराना गणेश मंदिर मुख्य प्रबंधक पंडित अशोक भट्ट ने बताया कि अन्नक्षेत्र का संचालन सन 1990 से जब अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा उठा था तब से हो रहा है. तब इंदौर में लगभग एक डेढ़ महीने का कर्फ्य लग गया था. उस समय से यहां पर खजराना गणेश मंदिर का अन्नक्षेत्र चालू हुआ और गांव में लोगों से एक-एक मुट्ठी अनाज की मांग की गई थी. बोरियों से यहां पर अनाज इकठ्ठा हुआ और तब से ही यह अन्नक्षेत्र यहां पर संचालित किया जाता है.

खजराना गणेश मंदिर पर जो भोजन प्रसादी बनती है, उसमें ब्रांडेड सामान उपयोग होता है. उसका टेंडर होता है. साथ ही एफएसएसआई का सर्टिफिकेट भी मिला हुआ है. ये सर्टिफिकेट खजराना गणेश मंदिर को 2019 में भी मिला था और 2023 में भी मिला है.

ऐसे बनती है लड्डू प्रसादी

यहां पर मार्केट में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ घी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी पहले लैब टेस्टिंग होती है, उसके बाद ही लड्डू बनाने में इस्तेमाल करते हैं.

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