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This Article is From May 02, 2024

Panna: एक बार फिर हुआ बाघिन का रेस्क्यू, कई दिनों से कर रही है ग्रामीण लोगों को परेशान

Madhya Pradesh: लंबे समय से रिहायशी क्षेत्र और किसानों के खेतों में बसेरा बनाकर अठखेलियां कर रही बाघिन का टाइगर रिजर्व टीम ने रेस्क्यू कर लिया. कई दिनों की मशक्कत के बाद टीम ने इस बाघिन को पकड़ा..

Panna: एक बार फिर हुआ बाघिन का रेस्क्यू, कई दिनों से कर रही है ग्रामीण लोगों को परेशान
रिहायशी इलाके से किया गया बाघिन का रेस्क्यू

Tiger in Panna: पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) देश-दुनिया में बाघों की बढ़ती हुई संख्या के लिए विख्यात है. यहां लगातार बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यही कारण है कि यहां बाघों (Tigers) का दीदार करने के लिए दूर दराज से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. आलम ये है कि अब लोगों को राह चलते बाघों की अठखेलियां देखने को मिल रही है.

मां से जल्दी अलग हो जाने की वजह से एक बाघिन शिकार के गुण नहीं सीख पाई, जिसके चलते अब वह रिहायशी इलाकों में गाय व भैंसों का शिकार पर निर्भर है. यही कारण है कि बाघिन का जंगल से मोह भंग हो गया और वह बार-बार रिहायशी क्षेत्र में जा रही है. जिसको लेकर गांव के लोग तो दहशत में है कि पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम भी सारे काम छोड़ कर इस बाघिन की निगरानी कर रही है.

हाथी पर सवार होकर किया बाघिन का रेस्क्यू

हाथी पर सवार होकर किया बाघिन का रेस्क्यू

ऐसे निगरानी कर रही है पीटीआर की टीम

हाथियों पर सवार हाथों में डंडा लिए पीटीआर की टीम गुरुवार सुबह से ही बाघिन का रेस्क्यू कर हांका लगा रही है. बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन पी-234(23) की एक बाघिन जन्म के बाद जल्द ही अपनी मां से अलग हो गई. जिस कारण वह पूरी तरह अपनी मां से शिकार करने और जंगल में रहने के नियम नहीं सीख पाई. ग्राम बराछ एवं डोभा में किसानों के खेतों में रहकर उनके जानवरों का शिकार कर अपनी भूख मिटा रही है. हालांकि, जानकारी लगने के बाद कई बार पीटीआर की टीम इस बाघिन का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ चुकी है. लेकिन, बार-बार यह बाघिन शिकार की तलाश में उक्त ग्राम में आ कर अपना डेरा जमा रही है.

फील्ड डायरेक्टर ने दी जानकारी

फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि बाघिन के बार बार जंगल छोड़ कर रिहायसी क्षेत्र में आने से न केवल किसानों ओर उनके जानवरों को, बल्कि खुद बाघिन को भी खतरा है. जिसके चलते उच्च अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई है. बाघिन बार-बार रिहायशी क्षेत्रों में जा रही है जिस वजह से इसका निर्णय लिया जाना चाहिए कि यह बाघिन जंगलों में रहने योग्य है या इसे कही और शिफ्ट किया जाना चाहिए.

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फिर जंगल में छोड़ आया टीम

पीटीआर की टीम ने गुरुवार की सुबह बाघिन का रेस्क्यू किया और हाथियों कि मदद से बाघिन को पुनः जंगल की ओर खदेड़ दिया. अब प्रबंधन उक्त बाघिन को लेकर उच्च अधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रहा है कि जल्द से जल्द निर्णय लेकर बाघिन को कही ओर शिफ्ट किया जा सके.

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