Poor Condition of Government Schools: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के टीकमगढ़ जिले (Tikamgarh) के सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब है. जिले के शासकीय हाई स्कूल अमरपुर (Govt School Amarpur) में बच्चों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं पूरी तरह से ठप हैं. जिससे बच्चे परेशान हो रहे हैं. आलम तो ये हैं कि इस स्कूल में बच्चो के लिए बनाए गए आधा दर्जन टॉयलेट (Locks in Toilet of School) में प्राचार्य ने ताला जड़ दिया है, जिससे बच्चे मैदान और झाड़ियों में शौचालय के लिए जाते हैं. वहीं बारिश का मौसम होने के चलते झाड़ियों में जहरीले कीड़े व जानवरों का खतरा भी बना रहता है. स्कूल की अव्यवस्था को लेकर गांव के लोगों ने बताया कि इस स्कूल में बच्चों को काफी दिक्कत होती है. यहां न तो पंखे हैं और न ही टॉयलेट की व्यवस्था है, जिससे लड़कियों को ज्यादा परेशानी होती है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने कही जांच की बात
अमरपुर के सरकारी स्कूल की इस हालत को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी आई एल आठ्या ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं था. एनडीटीवी द्वारा जानकारी मिलने के बाद मामले की जांच कराई जाएगी. जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही जल्द ही बंद टॉयलेट खुलवाए जाएंगे, जिससे बच्चों को कोई दिक्कत न हो.
स्कूल के टॉयलेट में जड़े हैं ताले
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि उन्हें टॉयलेट में नहीं जाने दिया जाता है. टॉयलेट में प्राचार्य ने ताले लगा रखे हैं और कहते वह गंदी होगी तो फिर सफाई कौन करवाएगा. बता दें कि सभी सरकारी स्कूलों में सफाई कर्मी की अस्थाई व्यवस्था होती है, जिसका भुगतान शासन करता है. लेकिन, अमरपुर के सरकारी स्कूल के टॉयलेट में ताला जड़ा है और प्राचार्य की इस तानाशाही रवैये से बच्चे परेशान हो रहे हैं.
न पंखे न कोई खेल सामग्री
अमरपुर के सरकारी स्कूल की समस्याओं का अंत यहां नहीं होता है, स्कूल में ऐसी कई समस्याएं हैं जिन्हें ठीक किया जाना जरूरी है. स्कूल भवन के सारे के सारे पंखे खराब पड़े हैं, जिससे बच्चो की क्लास खुले में पेड़ के नीचे लगाई जाती है, इससे बच्चो को काफी परेसानी होती है. जबकि स्कूल में शाला विकास की राशि आती है और मेंटेनेंस के लिए भी पैसे आते हैं. स्कूल में पिछले 6 महीने से दर्जनों पंखे खराब पड़े हैं, मगर उनका सुधार नहीं करवाया गया.
कई बच्चों ने छोड़ी स्कूल
इस सरकारी स्कूल में बच्चों को मिलने वाली सारी सुविधाएं स्कूल प्रबंधन की जेब में जाती दिखाई दे रही है. इन सब अव्यवस्थाओं के अलावा स्कूली बच्चों के लिए खेल सामग्री भी दो साल से नसीब नहीं हो सकी है. स्कूल में बच्चों के खेलने के लिए कोई खेल मैदान भी नहीं है. इस स्कूल में कहने को तो तमाम सुविधाएं हैं, मगर धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रही हैं. ऐसे में सैकड़ों बच्चो का इस स्कूल से पढ़ाई के नाम पर मोह भंग होता जा रहा है. दर्जनों लड़कियों ने स्कूल में सुविधाओं के अभाव में स्कूल आना ही छोड़ दिया है.
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