Gwalior News: ग्वालियर जिले के कुटुंब न्यायालय में सुनवाई के लिए बहुत अलग तरह का मामला आया. एक महिला ने केस दायर किया कि उसका पति उसे भरण-पोषण के लिए पैसे नहीं दे रहा है. लेकिन, सुनवाई के दौरान उसके पति ने उस महिला को अपनी पत्नी मानने से ही इनकार कर दिया. उसने तर्क देते हुए कहा कि वह तो किन्नर है, भला शादी कैसे कर सकता है. इसके बाद वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए.
पहले पति के हालात थे ठीक
दरअसल, एक महिला का कुटुंब न्यायालय में अनोखा केस सामने आया. इसमें उसने कहा था कि उसकी शादी 10 मार्च 1985 को हुई थी. उस समय उसका पति सोने-चांदी की दुकान पर नौकरी करता था. 1990 तक दोनों आगरा के पैतृक मकान में साथ ही रहे. परिजनों से अनबन होने के चलते उन लोगों ने लोहा मंडी आगरा में किराए का मकान ले लिया और वहां रहने लगे. इसके बाद दोनों लोग ग्वालियर आ गए और वहीं रहने लगे.
महिला ने लगाया पति पर आरोप
पूरे मामले को लेकर महिला का कहना है कि कुछ समय बाद पति ने उससे कहा कि उसकी आगरा में अच्छी नौकरी लग रही है और वह वहां अकेले रहकर काम करेगा. उसके पास आता-जाता रहेगा और उसे हर महीने 15 हजार रुपए देगा. यह कहकर वह आगरा चला गया. महिला इंतजार करती रही लेकिन, उसके बाद न उसका पति आया और न ही रुपए. महिला ने आगरा में जब खोजबीन की तो पता लगा कि उसके पति ने तो किन्नरों के साथ रहना शुरू कर दिया है.
ये भी पढ़ें :- MP Cabinet Meeting: मोहन यादव सरकार की कैबिनेट मीटिंग खत्म, MSP को लेकर लिया अहम फैसला
भरण पोषण के लिए दिया था आवेदन
महिला ने 9 दिसंबर 2015 को ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में भरण-पोषण के लिए आवेदन दिया था. इनमें सुनवाई के दौरान फरियादी ने कोर्ट में कहा कि वह तो किन्नर है, भला शादी कैसे कर सकता है. उसने किन्नरों के साथ के अपने फोटो भी पेश किए. सुनवाई के दौरान महिला की एक रिश्तेदार महिला ने गवाही भी दी कि वह दोनों की शादी के समय मौजूद रही थी.
ये भी पढ़ें :- Jabalpur: 50 लाख की लूट के मामले में फरार आरोपित की ट्रेन से कटकर मौत, दो आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार