Bhopal News : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Dog Death in Training Center) से बेजुबान की हत्या करने की अमानवीय घटना सामने आयी है. यहां डॉग को ट्रेनिंग (Dog Trainer) देने के नाम पर डॉग ट्रेनिंग सेंटर (Dog Training Center) के संचालक और कर्मचारियों ने क्रूरता सारी हदें पार करते हुए. एक विदेशी नस्ल के डॉग को गेट पर लटकाते (Hung an Innocent Dog to Death) हुए बेजुबान को मार डाला. आरोपियों ने डॉग के गले में फंदा लगाकर उसे गेट पर लटकाते हुए खींच रहे थे. वहीं अपनी करतूतों को छिपाने के लिए आरोपियों ने सीसीटीवी (CCTV) कैमरों के रिकार्ड डिलीट कर दिए थे. जब सायबर सेल ने डाटा रिकवर किया तो सब इस घटना को देखकर सब हैरान रह गए. सबूत मिलने के बाद पुलिस ने ट्रेनिंग सेंटर संचालक सहित तीन पर मामला दर्ज कर लिया है. हालांकि जिन धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है वे जमानती धारा हैं इसलिए तीनों आरोपियों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया है.निखिल ने बड़े प्यार से अपने डॉग का नाम सुल्तान रखा था. उसकी परवरिश में लाखों रुपये खर्च कर चुके थे, लेकिन उन्हें क्या पता जिस ट्रेनिंग सेंटर में वे सुल्तान को छोड़ रहे हैं वहीं का ट्रेनर हैवान बन जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
राजधानी भोपाल के मिसरोद थाना (Misrod Thana) इलाके स्थित सहारा स्टेट मे संचालित डॉग ट्रेनिंग सेंटर (Dog Training Center) के संचालक और कर्मचारियों ने क्रूरता की सभी हदें पार कर दी हैं. आरोपियों ने चार महीने के लिए ट्रेनिंग पर लाए गए कुत्ते को फांसी लगाकर बेरहमी से मार डाला और साक्ष्य छिपाने के लिए सीसीटीवी कैमरों को रिकार्डिंग डिलीट कर दी थी. इस बात का खुलासा तब हुआ डॉग मालिक ने इस मामले की शिकायत मिसरोद पुलिस से की, उसके बाद पुलिस ने डीवीआर (DVR) जब्त कर सायबर सेल (Cyber Cell) की मदद से डाटा रिकवर (Data Recover) कराया. इस अमानवीय घटना का खुलासा होने के बाद ट्रेनिंग सेंटर के संचालक और कर्मचारी समेत तीन लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया, आरोपियों में एक युवती भी शामिल थी.
ट्रेनिंग के लिए 13 हजार रुपए हर महीना
पुलिस के मुताबिक निखिल जायसवाल ने एक विदेशी नस्ल का पाकिस्तानी बुली आलसेशियन डॉग खरीदा था. वह अपने डॉग को ट्रेंड कराना चाहते थे, इसलिए 1 मई 2023 को सहारा स्टेट स्थित डॉग ट्रेनिंग एण्ड बोर्डिंग सेंटर में डाला था. इस सेंटर का संचालक रवि कुशवाह है. ट्रेनिंग देने के लिए रवि ने उन्हें 13 हजार रुपए प्रतिमाह का खर्चा बताया था.
ट्रेनिंग सेंटर के संचालक ने डॉग की ट्रेनिंग पूरी नहीं होने का हवाला देते हुए कुछ और दिन डॉग को उन्हीं के पास रहने देने को कहा. साथ ही इतने टाइम की अलग से फीस नहीं लेने को कहा.
आरोपियों ने डिलीट की रिकार्डिंग
निखिल ने जब सेंटर में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग मांगी तो पता चला कि दोपहर ढाई बजे के पहले की पूरी रिकार्डिंग डिलीट कर दी गई है. जब उन्होंने अंदर की रिकार्डिंग मांगी तो उन्हें तीन घंटे तक बाहर बिठाए रखा गया और बताया कि रिकार्डिंग डाउनलोड नहीं हो पा रही है. निखिल ने जब डॉग का पोस्टमार्टम (पीएम) कराने की बात कही तो संचालक ने बोला कि उसकी बात हो गई है और अस्पताल चले जाएं जहां पीएम हो जाएगा. निखिल अस्पताल पहुंचे, लेकिन जब पीएम नहीं हुआ तो अपने डॉग को लेकर घर लौट गए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया. अब तक निखिल अपने पालतू डॉग सुल्तान पर लाखों रुपये खर्च कर चुके थे.
ऐसे हुआ खुलासा
निखिल ने इस मामले की शिकायत 11 अक्टूबर को पुलिस से की थी. सायबर सेल ने जब सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर से डाटा रिकवर किया तो पाया कि 9 अक्टूबर की दोपहर करीब 1. 30 बजे रवि ने अपने सहयोगी तरुण और नेहा उर्फ प्रिया के साथ मिलकर डाॅग को फांसी का फंदा लगाकर उसकी हत्या की है. रवि और नेहा ने कुत्ते के गले में रस्सी और पट्टे का फंदा बांधकर उसे लोहे के गेट से लटका दिया था. करीब 10 मिनट तक तड़पने के बाद कुत्ते ने आखिरकार दम तोड़ दिया. पुलिस ने तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. लेकिन जमानती धारा होने की वजह से आरोपियों को नोटिस देकर छोड़ दिया.
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