Bahadurpur Yarn Mill: वर्तमान में खंडहर में तब्दील हो चुका बुरहानपुर जिले का सहकारी क्षेत्र की पहली सूत मिल की तस्वीर आज जार-जार रो रही है. 25 साल पहले बंद हुई बहादरपुर सहकारी सूत मिल के 1400 मजदूर की भी कमोबेश हालत खराब है, लेकिन उनकी सुध लेने कोई नहीं है. पीड़ादायक बात यह है कि 1400 मजूदरों में से 200 अब इस दुनिया में भी नहीं हैं.
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बंद पड़ी कॉटन मिल की ईंटें चोरी नहीं हुईं, बल्कि चोरी कराई गईं
बहादरपुर सहकारी सूत मिल के मजदूरों का कहना है कि बंद पड़ी कॉटन मिल की ईंटें चोरी नहीं हुई हैं, बल्कि उसकी ईंटें चोरी कराई गई हैं. पिछले 25 सालों से बेरोजगार मिल मजदूरों के मजदूरों के मुताबिक उन्हें बकाया वेतन और ग्रैच्युटी नहीं दिया, जिसके लिए वो कई बार आंदोलन कर चुके है, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ.
सूत मिल मजदूरों की देनदारी राशि बढ़कर 56 करोड तक पहुंची
रिपोर्ट के मुताबिक साल 1959 में स्थापित सहकारी सूत मिल 1998 में बंद हो गई. वर्ष 1999 मेें परिसमापक गठित किया गया था, तब इस मिल की देनदारी लगभग डेढ करोड़ थी, लेकिन अब यह राशि बढ़कर 56 करोड़ तक पहुंच गई है. बहादरपुर मिल के सैंकडो मजदूरों ने बकाया भुगतान के लिए संघर्ष किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
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बकाया मजदूरी की बाट जोहते-जोहते दुनिया से चले गए 200 मजदूर
रिपोर्ट कहती है कि बहादरपुर सहकारी सूत मिल में कुल 2200 मजदूर का करते थे. जब सूत मिल कुप्रबंधन के चलते मिल को बंद किया गया तो मजदूरों की मजदूरी तक का भुगतान नहीं किया और अब तक भुगतान का इंतजार करते-करते 200 श्रमिकों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन उनके परिजनों तक की सुध नहीं ली गई.
BJP MLA ने सदन में उठाया मजदूरों के बकाया भुगतान का मुद्दा
स्थानीय विधायक अर्चना चिटनिस ने मिल मजदूरों का दर्द समझा और 17 दिसंबर 2024 को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बहादरपुर सूत मिल के श्रमिकों का मुद्दा उठाया. उन्होंने सरकार से मालवा मिल, विनोद मिल, हीरा मिल, अवंतिका मिल हुकुमचंद मिल के मजदूरों का भी मुद्दा सदन में रखा.
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मिल की दशा के लिए बीजेपी नेता ने कांग्रेस को बताया जिम्मेदार
बंद पड़े बहादरपुर सहकारी कॉटन मिल की दशा के लिए सूत मिल मजदूरों और बीजेपी नेताओं ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस का कहना है मिल प्रबंधन व श्रमिक संघ के बीच गतिरोध के चलते मिल बंद हुई. आरोप लगाया कि साल 2003 में प्रदेश में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद मिल को दोबारा शुरू नहीं किया.
सदन में मुद्दा उठने से मिल मजदूरों में बकाया भुगतान की उम्मीद बंधी
गौरतलब है मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बहादरपुर सहकारी सूत मिल मजदूरों के बकाया वेतन व ग्रैच्युटी भुगतान का मामला उठने के बाद से अब मजदूरों को उम्मीद बंधी है कि मोहन सरकार उनके हक की राशि का भुगतान की व्यवस्था करेंगी. साथ ही, इन मजदूरों को यह भी उम्मीद बढ़ी है कि सरकार उनके बच्चों को भी रोजगार करेगी.
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मजदूरों के प्रतिनिधि मंडल के साथ सीएम से मुलाकात करेंगी विधायक
बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनीस ने भी भरोसा जताया है कि मप्र की मोहन यादव सरकार बहादरपुर सहकारी सूत मिल समेत प्रदेश की अन्य मिलों के मजदूरों की बकाया राशि का भुगतान अतिशीघ्र करेंगी. विधायक ने कहा कि वह जल्द ही मजदूरों के प्रतिनिधि मंडल को लेकर भोपाल सीएम मोहन यादव से मुलाकात करेंगी.
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