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This Article is From Sep 10, 2023

जबलपुर अस्पताल में निजी एंबुलेंस माफिया का आतंक, दूसरे चालक को बुरी तरह पीटा

अस्पताल में एक निजी एंबुलेंस संचालक के परिवार का अघोषित कब्जा होने की बात सामने आ रही है. आरोप है कि बिना इस परिवार की अनुमति के कोई भी एंबुलेंस चालक मरीज को नहीं ले जा सकता. अस्पताल प्रबंधन ने वैसे तो अस्पताल परिसर के आसपास निजी एंबुलेंस पर प्रतिबंध लगाया हुआ है लेकिन यह प्रतिबंध महज कागजी है.

जबलपुर अस्पताल में निजी एंबुलेंस माफिया का आतंक, दूसरे चालक को बुरी तरह पीटा
पीड़ित एंबुलेंस चालक के पीठ, कंधे और कमर के नीचे चोट आई है.
जबलपुर:

जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में निजी एंबुलेंस माफिया का आतंक बढ़ता जा रहा है. यहां के निजी एंबुलेंस संचालकों ने दूसरे एंबुलेंस चालक को बुरी तरह से पीटा है. मारपीट की वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. पीड़ित एंबुलेंस चालकों ने मारपीट की शिकायत थाने में दर्ज कराई है. वहीं अस्पताल प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी होने से इनकार कर रहा है. अस्पताल में इससे पहले भी निजी एंबुलेंस चालकों द्वारा मरीजों और उनके परिजनों से मारपीट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. 

दरअसल एक मरीज की मौत के बाद मृतक के परिजनों ने एंबुलेंस बुलाई तो एंबुलेंस माफिया के गुर्गों ने मौके पर पहुंचकर दो एंबुलेंस चालकों को बुरी तरह से पीटा. एंबुलेंस माफियाओं ने जबरदस्ती शव अपनी एंबुलेंस में रखवाया और शव को छोड़ने खुद चल दिए.

संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल गुंडागर्दी के लिए बदनाम

नेताजी सुभाषचंद्र बोस अस्पताल जबलपुर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां संभाग के मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज दिए जाने का दावा किया जाता है. लेकिन लंबे समय से यह अस्पताल डॉक्टरों द्वारा मरीजों के परिजनों से मारपीट, स्टूडेंट्स की रैगिंग और निजी एंबुलेंस माफिया की गुंडागर्दी के लिए बदनाम है.

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निजी एंबुलेंस संचालक के परिवार का है अघोषित कब्जा

अस्पताल में एक निजी एंबुलेंस संचालक के परिवार का अघोषित कब्जा होने की बात भी सामने आ रही है. आरोप है कि बिना इस परिवार की अनुमति के कोई भी एंबुलेंस चालक मरीज को नहीं ले जा सकता. अस्पताल प्रबंधन ने वैसे तो अस्पताल परिसर के आसपास निजी एंबुलेंस पर प्रतिबंध लगाया हुआ है लेकिन यह प्रतिबंध महज कागजी है.

एंबुलेंस माफिया के खिलाफ की गई शिकायत

सर्वेंट क्वार्टर गढ़ा निवासी विशाल बाल्मिक ने गढ़ा थाने पहुंचकर एंबुलेंस माफिया के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. उन्होंने शिकायत में बताया कि मेडिकल कॉलेज में टीबी चेस्ट विभाग के सामने मरीज की मौत के बाद शव को ले जाने के लिए वह अपनी एम्बुलेंस लेकर पहुंचा था. इसी दौरान राजवीर बाल्मीक और बल्लू बाल्मीक आए और कहने लगे कि शव वे अपनी गाड़ी में ले जाएंगे. जब विशाल ने कहा कि उसकी बात परिवार वालों से हो चुकी तो दोनों ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और मना करने पर प्लास्टिक पाइप से बेरहमी से पीटा. जिसके कारण फरियादी के पीठ, कंधे और कमर के नीचे चोट आई है.

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