Latest News in Hindi: विंध्य में प्रतिभावान खिलाड़ियों की कमी नहीं है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) जिले के अनुज सेन (Anuj Sen) वह खिलाड़ी है, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत को कई गोल्ड मेडल (National and International Gold Medal) जीतने में मदद की है. टेनिस बॉल क्रिकेट के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अनुज सेन मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. भरहुत नगर निवासी अनुज युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं. उन्होंने छोटी सी उम्र में एक बड़ा मुकाम हासिल किया और आज भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट (International Tennis Ball Cricket Tournament) में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. अब उन्हें भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है. अब वे दक्षिण जर्मनी में आयोजित प्रतियोगिता के लिए 27 दिसंबर को रवाना होंगे.
ऐसे हुई थी जीवन की शुरुआत
अनुज सेन ने अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि बचपन से ही उन्हें क्रिकेट खेलने का बड़ा शौक था. उन्होंने कहा, 'मैं सोते हुए भी बैट-बॉल लेके सोता था. थोड़ा बड़ा हुआ तो स्कूल गेम्स में डॉजबाल और नेट बॉल की तरफ रुख हुआ. उसमें भी कई पदक जीते. इसके बाद क्रिकेट में स्टेट लेवल और नेशनल लेवल पर जिले का नाम भी रोशन किया. क्रिकेट में उच्च स्तर की शुरुआत 2016 से हुई. 2016 से 2021 तक स्टेट स्तर, 2022 में सीनियर नेशनल खेलने जम्मू गए. 2023 में ऑल इंडिया चैंपियनशिप आगरा, टी-20 हिमांचल प्रदेश और उसी सत्र कोलंबो में आयोजित द्विपक्षीय सीरीज में हिस्सा लिए. इन प्रतियोगिताओं में उन्होंने गोल्ड मेडल भी जीता और आगे बढ़ते रहे.
लेदर बॉल में नहीं दिखा भविष्य
प्रतिस्पर्धा के दौर में सभी खेलों में प्रतिभागी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. अनुज सेन ने कहा कि उन्होंने भी पहले लेदर बॉल का रुख किया था. लेकिन, चयन नहीं हुआ क्योंकि आज हर खिलाड़ी भारत के लिए क्रिकेट खेलना चाहता है. इसलिए स्पर्धाएं कड़ी हो गई हैं. फिर उन्होंने टेनिस बॉल क्रिकेट पर ट्रायल दिया, जिसमें 1700 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था. उसमें उन्होंने बैटिंग में 21 रन बनाए और बॉलिंग में 4 विकेट झटके. इस तरह टेनिस बॉल क्रिकेट में उनका चयन हो गया.
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स्पोर्ट्स कोटा में मिली नौकरी
युवा खिलाड़ी बताया, 'मेरा सिलेक्शन खेल कोटा से डाक विभाग में एमटीएस में बाबू के लिए हुआ है. महंगाई और बेरोजगारी के समय में मध्यम वर्गीय परिवार के लिए सबसे बड़ा मुद्दा नौकरी का ही है. जिसे खेलों ने सार्थक किया है. आज सरकार के प्रयास से सभी खिलाड़ियों को खेल कोटे से नौकरी मिलना शुरू हो गई है.'
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