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Teacher's Day: रीवा के वह शिक्षक, जिन्होंने देश को दिए सेना व नेवी प्रमुख, डॉ. कलाम के हाथों मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार

Teacher's Day 2024: राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आरके शुक्ला वही शिक्षक है, जिनके पढ़ाए हुए छात्र आज भारत के थल सेना और नौसेना के अध्यक्ष के रूप में देश की कमान संभाल रहे हैं.

Teacher's Day: रीवा के वह शिक्षक, जिन्होंने देश को दिए सेना व नेवी प्रमुख, डॉ. कलाम के हाथों मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार
देश को दो सेना अध्यक्ष दिए हैं आरके शुक्ला सर ने

RK Shukla Teacher: मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) से राष्ट्रपति पुरस्कार मिलना, पूरे जीवन का यादगार लम्हा... अपने दो छात्रों को सेना के सर्वोच्च पद पर देखना, दूसरा सबसे यादगार लम्हा... यह कहना है मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा (Rewa) के रहने वाले शिक्षक आरके शुक्ला का, जिन्हें शिक्षा के क्षेत्र में 2003 में राष्ट्रपति पुरस्कार (President Award) मिलने की घोषणा हुई और 2004 में राष्ट्रपति पुरस्कार मिला. 20 साल बाद उनके ही पढ़ाए हुए दो छात्र सेना के सर्वोच्च पद पर पहुंच गए. थल सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना अध्यक्ष एड्रिमल दिनेश त्रिपाठी आरके शुक्ला के पढ़ाए हुए छात्र ही है. रीवा सैनिक स्कूल (Rewa Sainik School) से शिक्षण कार्य के दौरान राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक आर.के.शुक्ला (R.K. Shukla) अपने अतीत को याद करके आज भी भावुक हो जाते हैं.

दो ही लोग खुद हारना चाहते हैं-आरके शुक्ला

आरके शुक्ला से जब शिक्षक दिवस के अवसर पर NDTV ने बात कि उन्होंने कहा कि उन लम्हों को याद करके आज भी आंखों में आंसू आ जाते हैं, जब जिस छात्र को पढ़ाया करते थे, आज वह एक मुकाम हासिल कर लेता है और जब सार्वजनिक रूप से पैर छूकर मिलता है, तो आंखें भर आती है. आगे वह कहते हैं कि दुनिया में दो ही ऐसे लोग होते हैं जो किसी से हारना भी चाहते हैं, एक पिता अपने पुत्र से और दूसरा शिक्षक अपने छात्र से. राधाकांत शुक्ला को 2004 में उस समय के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किया था.

एपीजे कलाम ले लिया था राष्ट्रपति अवार्ड

एपीजे कलाम ले लिया था राष्ट्रपति अवार्ड

आरके शुक्ला का जीवन कैसे बीता

शुक्ला सर ने प्रयागराज के मांडा में बचपन में संस्कृत की पढ़ाई की. आठवीं के बाद विज्ञान पढ़ना चाहते थे. इसलिए प्रयागराज पहुंच गए. प्रयागराज से पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ दिनों तक चाक घाट कॉलेज में कुछ दिनों तक पढ़ाया. उसके बाद 1976 में रीवा के सैनिक स्कूल पहुंच गए और रिटायरमेंट तक इसी स्कूल में रहे. सैनिक स्कूल में 1976 में शिक्षण कार्य के लिए रीवा में पहुंच गए. सैनिक स्कूल में शिक्षण कार्य के 28वें साल में 2003 में राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने की घोषणा की गई. 2004 में उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने उनके शिक्षण कार्य के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा. 

सेना अध्यक्ष बन गए पढ़ाए हुए बच्चे

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक आरके शुक्ला ने अपने जीवन में सैनिक स्कूल रीवा में हजारों छात्रों को पढ़ाया. उनके पढ़ाये हुए छात्र ज्यादातर सेना में विभिन्न पदों में काम कर रहे हैं. जिसमें से वर्तमान में थल सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना अध्यक्ष एड्रिमल दिनेश त्रिपाठी का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है. जिन्हें आज भी आरके शुक्ला याद करते हुए नहीं थकते. जब दिनेश त्रिपाठी ने नौसेना अध्यक्ष और जरनल उपेंद्र द्विवेदी ने थल सेना अध्यक्ष का पद संभाला था. उस दौरान उन दोनों छात्रों के लिए उन्होंने एक कविता भी लिखकर भेजी थी.

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आरके शुक्ला का ना भूलने वाला यादगार लम्हा

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आरके शुक्ला मानते हैं कि उनके जीवन का वह अद्भुत क्षण था, जब उन्होंने दिल्ली के विज्ञान भवन में देश के राष्ट्रपति जिन्हें वह अपना आदर्श मानते थे. मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम से शिक्षा के क्षेत्र के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार लिया था. उस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को अपनी लिखी हुई दो लाइन भी सुनाई थी, जो उन्हें आज भी याद है. 

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