
Happy Teachers Day 2024: सिंगरौली जिले में एक सरकारी स्कूल (Government School Teacher) की शिक्षिका ऊषा दुबे (Kitabon Wali Didi) ने अपनी स्कूटी को एक मोबाइल लाइब्रेरी (Mobile Library) में बदल दिया. गांव-गली और मोहल्ले के बच्चे इस चलते-फिरते पुस्तकालय का लाभ लेते हैं. शिक्षिका की इस अनोखी पहल का हर कोई दीवाना है, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी इस अनोखी पहल की सराहना की. सिंगरौली जिले के हर्रई गांव के सरकारी स्कूल की शिक्षिका ऊषा दुबे के प्रयासों की व्यापक रूप से सराहना की गई है और वह देशभर के शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा हैं. उन्होंने इस काम को जारी रखा हुआ है, ताकि यह सुनिश्चित करने का प्रयास हो सके कि कोई भी बच्चा अपनी शिक्षा में पीछे न रह जाए.

Teachers Day 2024: किताबों वाली दीदी
Be it in Arunachal Pradesh, Chandigarh, Madhya Pradesh, Gujarat and several other places, there are many who are promoting reading. Such efforts must be celebrated! #MannKiBaat pic.twitter.com/2MwoszNCRH
— Narendra Modi (@narendramodi) October 25, 2020
कोरोना काल में मिली नई पहचान
कोरोना संक्रमण काल में सिंगरौली जिले की हर्रई की शिक्षिका ऊषा दुबे का काम करने का तरीका और बच्चों के प्रति समर्पण भाव ने उन्हें एक नई पहचान दी है. जिले में किताबों वाली दीदी के नाम से मशहूर शिक्षिका ऊषा दुबे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में जमकर तारीफ की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के दौरान ऊषा दुबे अपनी स्कूटी में किताबों की एक पूरी लाइब्रेरी लेकर आसपास के इलाकों में जाकर बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रही रही हैं, जिसकी उन्होंने जमकर तारीफ की.

Teachers Day 2024: किताबों वाली दीदी
सिंगरौली में किताबों वाली दीदी के नाम से मशहूर शिक्षिका ऊषा दुबे की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में की. उन्होंने अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश की ऊर्जा धानी सिंगरौली की शिक्षिका ऊषा दुबे का जिक्र करते हुए कहा कि इस कोरोनावायरस काल में भी ऊषा दुबे ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अपनी स्कूटी पर किताबों की पूरी लाइब्रेरी लेकर आसपास के इलाकों में जाकर बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रही हैं. ऊषा दुबे स्कूटी में ही चलती फिरती लाइब्रेरी लेकर चलती हैं.
#अब_पढ़ाई_नहीं_रुकेगी📚
— Usha Dubey (@UshaDubey05) March 16, 2021
राज्य शिक्षा केन्द्र,भोपाल द्वारा हमारे चलता फिरता पुस्तकालय और मोहल्ला कक्षा पर एक Short Documentary
आभार🙏 pic.twitter.com/EFw4YNTCuW
ऐसा है सिस्टम
ऊषा दुबे सुबह 8 से शाम 4 तक बच्चों के बीच रहकर उन को पढ़ाने का कार्य करती हैं. स्कूटी में ज्ञान-विज्ञान से लेकर जरूरी सभी विषयों की 100 से अधिक किताबें लेकर अपने लाइब्रेरी में चलती हैं. ये शिक्षिका बच्चों को कहानियां पढ़ाने और वाचन क्षमता बढ़ाने के लिए मोहल्ले-मोहल्ले में पहुंच रही हैं और हर मोहल्ले में करीब 15 से 20 बच्चों को अलग-अलग तरीकों से उन्हें पढ़ा कर हिंदी अंग्रेजी भाषा सिखा रही है, उनके इस तरीके से प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में उनकी जमकर सराहना हो रही है.
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