
Supreme Court: कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च न्यायालय ने हाई कोर्ट (MP High Court) के आदेश पर स्टे लगा दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज के छात्रों को भी बड़ी राहत मिल गई है. कॉलेज में पढ़ रहे छात्र अपनी नियमित पढ़ाई भी करते रहेंगे. बीते दिन हाईकोर्ट ने आरिफ मसूद पर FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे. कोर्ट के आदेश के आधार पर कोहेफिजा पुलिस ने FIR दर्ज की थी. सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद आरिफ मसूद ने पोस्ट कर धन्यवाद दिया.
क्या है मामला?
मध्य प्रदेश में पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार 21 अगस्त को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जो इन आरोपों की जांच करेगा कि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद जाली दस्तावेजों के आधार पर एक कॉलेज का संचालन कर रहे हैं ताकि उनके संस्थान को मान्यता मिल सके. अधिकारियों ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) दूरसंचार संजीव शमी करेंगे और छिंदवाड़ा रेंज के उप महानिरीक्षक कल्याण चक्रवर्ती और सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) प्रशिक्षण निमिषा पांडे एसआईटी के अन्य सदस्य हैं.
विधायक द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक निर्देश पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पुलिस और हाई कोर्ट का क्या कहना है?
सहायक पुलिस आयुक्त अनिल बाजपेयी ने कहा कि कोहिफिजा पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी) और 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति प्रदीप मित्तल की खंडपीठ ने जबलपुर में सोमवार को भोपाल पुलिस आयुक्त को तीन दिन के भीतर मसूद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा कि डीजीपी को मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन करना चाहिए.
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