
Madhya Pradesh News: स्कूल (School) को विद्या का मंदिर माना जाता है, यहां पढ़ाई होती है, बच्चों को अंधविश्वास (Superstition) जैसी कुरीतियों के बारे में जागरुक किया जाता है. लेकिन मध्य प्रदेश में शहडोल (Shahdol in Madhya Pradesh) में एक स्कूल ऐस भी है, जहां खुद हेडमास्टर (Head Master) अंधविश्ववास के चक्कर में स्कूल में झाड़-फूंक करवा रहे है. यहां के दृश्यों को देखकर ऐसा लगता है कि मानो यहां पढ़ाई नहीं बल्कि झाड़-फूंक की क्लास लग रही है.
MP के स्कूल में अंधविश्वास का सबक, इलाज के बजाय हो रही झाड़फूंक
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) February 23, 2024
देखिए शहडोल का "सरकारी सिस्टम"
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झाड़-फूंक के बाद होश में आते हैं बच्चे
शहडोल जिले के एक सरकारी स्कूल है जहां 157 स्टूडेंट हैं तो 5 टीचर पर उनकी पढ़ाई का जिम्मा है. यह स्कूल पहली से आठवीं तक का है. इस स्कूल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां प्रार्थना (School Prayer) के दौरान छात्र-छात्राएं एक-एक करके बेहोश होने लगते हैं. छात्रों को होश में लाने के लिए झाड़-फूंक का सहारा लिया जाता है. ऐसा बताया गया है कि झाड़-फूंक कराने के बाद छात्र होश में आ जाते है.
हेडमास्टर का क्या कहना है?
इस घटना के बारे में स्कूल के हेडमास्टर का कहना है कि पहले तो ऐसा मामला कभी-कभी सामने आता था, लेकिन अब आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. वहीं इस मामले में जनजातीय कार्य विभाग शहडाेल के सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा ने कहा कि बीईओ को मेडिकल टीम के साथ भेजा जाएगा.
इनका कहना है कि कमजोरी से ऐसा हो रहा है
इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी विकासखंड के बिलटिकुरी स्कूल से भी ऐसी घटना सामने आयी थी, जहां स्टूडेंट क्लास रूम और प्रार्थना में बेहोश हो जाते थे. लेकिन यह कोई जादू टोना नहीं बल्कि कमजोरी जैसी बीमारी है, जिसका इलाज कराने की जरूरत है. ऐसा 4 से 5 बच्चियों को हो रहा है.
डिस्क्लेमर : NDTV किसी भी तरह से अंधविश्वास जैसी सामाजिक कुरीतियों को बढ़ावा नहीं देता है.
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