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Negligence: 9 बच्चों की मौत के बाद भी सो रहा प्रशासन, एमपी के 62 साल पुराने इस जर्जर स्कूल में खतरे में 700 छात्र!

Barwani News: मध्य प्रदेश में स्कूलों की लापरवाही चरम सीमा पर है, सागर में हुई 9 बच्चों की मौत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं जाग रहे हैं. क्योंकि बड़वानी में 62 साल पुराने हो चुके जर्जर भवन में हाई स्कूल के करीब 700 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. बारिश की वजह से ये भवन हर दिन और भी जर्जर होता जा रहा है. ऐसे में यदि कोई घटना घटती है, तो कौन जिम्मेदार होगा?

Negligence: 9 बच्चों की मौत के बाद भी सो रहा प्रशासन, एमपी के 62 साल पुराने इस जर्जर स्कूल में खतरे में 700 छात्र!
Negligence: 9 बच्चों की मौत के बाद भी सो रहा प्रशासन, एमपी के 72 साल पुराने इस जर्जर स्कूल में खतरे में 700 छात्र!

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश में स्कूलों की लापरवाही चरम सीमा पर है, सागर में हुई 9 बच्चों की मौत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं जाग रहे हैं. क्योंकि बड़वानी में 62 साल पुराने हो चुके जर्जर भवन में हाई स्कूल के करीब 700 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. बारिश की वजह से ये भवन हर दिन और भी जर्जर होता जा रहा है. ऐसे में यदि कोई घटना घटती है तो कौन जिम्मेदार होगा?

कई बार दे चुके हैं आवेदन

बड़वानी जिले के ग्राम मंडवाड़ा हाई सेकेंडरी स्कूल परिसर में  बने 62 साल पुराने स्कूल भवन से कभी भी बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना हुआ है. इस भवन को जमीन दोज करने के लिए कई बार आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन किसी ने अभी तक इसकी सुध नहीं ली.आखिर क्यों?

ये स्कूल करीब 1952 में  बना था

बता दें,इस खस्ता हाल परिसर से हाई सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले 700 बच्चों की जान पर खतरा बना रहता है. ये स्कूल करीब 1952 में  बना था. अब इसे बने 62 साल हो चुके हैं. यह भवन अब पूरी तरह जर्जर हो गया. स्कूल के सामने एक बड़ा खेल मैदान भी है, जब भी बच्चों की छुट्टी होती है, तो खेलते-खेलते इस जर्जर भवन में पहुंच जाते हैं. तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि बच्चे कैसे इस पुराने भवन से निकलते नजर आ रहे हैं.

दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं

इस जर्जर भवन की हालत यह है की टीन की चद्दर जमीन पर गिरी हुई है, तो दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं. भवन के खंभे भी जर्जर हो चुके हैं. इस वक्त बारिश का मौसम है, दीवारें गीली रहती हैं. हवा-आंधी के कारण भवन कभी भी गिर सकता है.गांव के लोगों का कहना है कि इस हालत में पुराना भवन खड़ा है. कभी भी हादसा हो सकता है, ऐसा ही एक और भवन है, जहां कभी बालक छात्रावास हुआ करता था. लेकिन जर्जर होने के कारण छात्रवास तो शिफ्ट कर दिया.

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छत और बीम अपने आप गिर रहीं

अब बारिश के चलते भवन गिर रहा है. भवन की छत और बीम अपने आप गिर रहे हैं, कभी भी इसमें बड़ा हादसा हो सकता है. इसी भवन के करीब आंगनबाड़ी केंद्र भी है, जहां पर एक साल से 5 साल के बच्चे बैठते हैं. इसी भवन के सामने गांव के लोगों के द्वारा पशु बांधे जाते हैं और गांव के लोगों के द्वारा धार्मिक आयोजन भी किया जाता. कई बार आवेदन देने के बाद भी इन भवनों को जमीन दोज नहीं किया गया. बता दें, अभी कुछ दिनों पहले सागर में स्कूल के 9 बच्चों की मौत गई थी. लेकिन ऐसी बड़ी घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार सो रहे हैं. 

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