Sagar: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर जिले से एक अनोखा मामला सामने आया. यहां कई सालों से सांप पकड़े वाले खुद ही धोखा खा गए. एक स्नेक कैचर (Snake Catcher) कोबरा प्रजाति के सांप को पकड़कर ले आए और पकड़ने के बाद डिब्बे में बंद कर रख दिया. चार दिन बाद अचानक नजर पड़ी तो डिब्बे में सफेद-सफेद कुछ दिखा. डिब्बा खोला और सांप को बाहर निकाला, तो पता चला वो सांप के अंडे (Snake Eggs) है और जिसे पकड़ा है वह नागिन. डिब्बे में से कुल 16 अंडे मिले.
नागिन ने डिब्बे के अंदर ही दिए अंडे
सागर में 365 दिन सांप पकड़ने का काम करने वाले स्नैक कैचर अकील बाबा को सागर के उपनगरीय मकरोनिया इलाके के बटालियन से सांप होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद अकील बाबा वहां पर पहुंचे थे और उन्होंने रेस्क्यू कर एक 4 फीट के सांप को पकड़ा था. पकड़ने के बाद उसे एक डिब्बे में रखकर वह अपनी दुकान ले आए. करीब 4 दिन गुजर जाने के बाद सांप के तेज फुंफकार ने आवाज आ रही थी. स्नैक कैचर ने डिब्बे को उठाकर देखा तो उसमें सफेद रंग के अंडे दिखाई दिए. इसके बाद उन्होंने सांप को बाहर निकाला और एक कपड़े पर अंडे रखे. तब जाकर पता चला कि यह नाग नहीं बल्कि नागिन है.
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कोबरा समझ कर लाए थे दुकान
स्नैक कैचर अंडे मिलने के बाद हैरान रह गए, क्योंकि जिस सांप को 4 फीट का कोबरा नाग समझ कर वह लाए थे, वो तो नागिन निकली. बाबा ने बताया कि अपने 30 साल के अनुभव में पहली बार वह सांप को पहचान नहीं पाए. पहली बार उन्होंने 4 फीट की कोबरा नागिन देखी. सांपों की प्रजाति में किंग कोबरा को सबसे खतरनाक माना जाता है. मादा कोबरा एक बार में 10 से 30 अंडे देती हैं, जो 45 से 70 दिन में फूटते हैं और बच्चे जन्म लेने लगते हैं.
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