
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में प्रशासन को नाबालिग की शादी (Child Marriage) रोकने में कामयाबी मिली है. महिला और बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) की एक अधिकारी ने बताया कि शहर के कमाठीपुरा इलाके में रहने वाली 16 वर्षीय लड़की की शादी उज्जैन के 26 वर्षीय युवक से शुक्रवार शाम होने वाली थी और इसकी रस्में भी शुरू हो चुकी थीं. लेकिन, वक्त रहते प्रशासन के हरकत में आने के ये बाल विवाह रुक गया.
मृत पिता ने तय किया था रिश्ता
महिला और बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी चित्रा यादव ने बताया कि बाल विवाह की तैयारियों की सूचना पर प्रशासन का दल पुलिस कर्मियों के साथ लड़की के घर पहुंचा और उसके परिजनों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर शादी समारोह निरस्त कराया. उन्होंने बताया कि लड़की के परिजनों से प्रशासन ने हलफनामा भी लिया कि वे तब तक उसकी शादी नहीं करेंगे, जब तक वह पूरे 18 साल की नहीं हो जाती. चित्रा यादव ने बताया कि नाबालिग लड़की का रिश्ता उसके पिता ने तय किया था. जिसकी कुछ समय पहले मौत हो चुकी है.
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18 साल से कम उम्र की लड़की की शादी गैरकानूनी
बता दें कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 (Child Marriage Prohibition Act) के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है.
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