
Shipra River Ujjain: एक तरफ देश में मानसून 2025 विदाई की ओर है, वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में बदरा अभी भी झूमकर बरस रहे हैं। मध्यप्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी फिर ऊफान पर आ गई है। इस वर्ष यह चौथी बार है, जब इंदौर, देवास के साथ उज्जैन में लगातार तेज बारिश से नदी ऊफान पर आई है। नदी में जल बढ़ने से शनिवार को छह श्रद्धालुओं की जान पर खतरा मंडराया, लेकिन एसडीआरएफ और तैराक दल ने उन्हें बचा लिया।
6 श्रद्धालु नहाते हुए गहराई में चले गए
कल रात से देवास में भारी बारिश होने के कारण शनिवार को शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़कर सड़क तक पहुँच गया, जिससे घाट पर स्थित सभी छोटे मंदिर डूब गए। इस हालात के बावजूद उत्तर प्रदेश से आए छह श्रद्धालु नहाने गहराई में चले गए और डूबने लगे। यह देख मौके पर तैनात मां शिप्रा तैराक और एसडीआरएफ दल ने तत्काल नदी में गोता लगाकर चार श्रद्धालुओं को आरती स्थल से और दो श्रद्धालुओं को लगभग 100 मीटर दूर रामघाट चौकी के सामने से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
होमगार्ड एसडीआरएफ डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट संतोष कुमार जाट ने बताया कि श्रद्धालु नितिन कुमार गुप्ता, सुमित, देवा, अनमोल, आदित्य और शिवम को नदी से निकालने के बाद CPR देकर उनकी जान बचाई गई है।
बतादें कि इस बार मानसून के बावजूद मालवा क्षेत्र में जुलाई और अगस्त में कम वर्षा के कारण सूखे के हालात बन गए थे। इसी दौरान 1 सितंबर के बाद उज्जैन, देवास और इंदौर में बारिश शुरू हुई, और 6 सितंबर तक नदी-नाले उफान पर आ गए। शिप्रा नदी में दो बार बाढ़ आई और गंभीर डेम के चार गेट खोलने पड़े। कुछ दिन बारिश रुकने के बाद 17 सितंबर की रात हुई तेज बारिश के बाद फिर नदी पूर पर आ गई। वहीं, दो दिनों से लगातार बारिश होने के कारण नदी फिर से उफान पर आ गई है।
यह भी पढ़ें - Amit Shah Bastar Speech: बस्तर में नक्सलियों को अमित शाह की दो टूक, बोले-पहले हिंसा छोड़ो तभी होगी बात