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तो... अब पानी में होगी एक्सपायरी दवा की मिलावट ! शर्मनाक खुलासा जानकर हो जाएंगे हैरान

MP News in Hindi : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले से हैरान करने वाली घटना सामने आई है. जहां PHE विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. यहां पर पानी में एक्सपायरी दवा मिलाकर आम जन से खिलवाड़ किया जा रहा है. मामले में जिम्मेदारों ने क्या कुछ बोला ? आइए आपको सुनाते हैं : 

तो... अब पानी में होगी एक्सपायरी दवा की मिलावट ! शर्मनाक खुलासा जानकर हो जाएंगे हैरान
तो... अब पानी में होगी एक्सपायरी दवा की मिलावट ! शर्मनाक खुलासा जानकर हो जाएंगे हैरान

MP News : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले से PHE विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. PHE विभाग ने जिले के कई गांवों में जल स्रोतों को शुद्ध करने के लिए एक्सपायरी डेट की सोडियम हाइपो क्लोराइट दवा का इस्तेमाल किया. इस दवा की एक्सपायरी डेट सितंबर 2023 में ही खत्म हो चुकी थी. मिली जानकारी के मुताबिक, विभाग के अधिकारियों ने दवा की बोतलों से एक्सपायरी डेट के लेबल हटा दिए और इन्हें गांव-गांव भेजकर जल स्रोतों का शुद्धिकरण करवाया. यह कदम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ के समान है. विभाग के इस कदम का खुलासा कई स्थानों पर हुआ, जिसमें मोहनगढ़ तहसील के दर्जनों गांव शामिल हैं. पंचमपुरा गांव के ढिमरोला प्राथमिक शाला के हैंडपंप में इस दवा के उपयोग को लोगों ने पकड़ लिया.

सरपंच ने लिया बीमारी का जिम्मा

मामले में सरपंच कमलेश केवट ने पंचनामा बनाकर लिखा कि अगर इस एक्सपायरी दवा के कारण कोई बच्चा बीमार होता है, तो उसकी जिम्मेदारी PHE विभाग की होगी. इसी तरह जतारा ब्लॉक के दरगाय कला और बलदेवगढ़ तहसील के बाबा खेरा में भी बिना रेफर के यह दवा डाली गई. टीकमगढ़ ब्लॉक के पपावनी गांव में लोगों ने बताया कि पिछले महीने जो दवा कुओं और हैंडपंप में डाली गई थी, वह भी एक्सपायरी थी.

एक्सपायरी दवा से शुद्धिकरण

जानकारी के लिए बता दें कि यह दवा अशुद्ध पानी को शुद्ध करने के लिए उपयोग की जाती है, जिससे डायरिया जैसी बीमारियां न फैलें. हाल ही में, टीकमगढ़ जिले के मिनोरा, नगारा और अमरपुर गांवों में असुद्ध पानी पीने से डायरिया फैल गया था, जिसके बाद PHE विभाग ने इन गांवों के जल स्रोतों को भी एक्सपायरी दवा से शुद्ध किया.

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मामले में क्या बोले ज़िम्मेदार ?

जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर योगेश यादव ने बताया कि एक्सपायरी दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था. इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जो कभी-कभी खतरनाक साबित हो सकते हैं. जब इस संबंध में PHE के कार्यपालन यंत्री अनिल लगरख्या से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि पानी को शुद्ध करने के लिए 325 ग्राम पंचायतो में यह दवा डाली गई है और एक्सपायरी का कोई सवाल नहीं उठता. फिर भी हम इसकी जांच करवा लेंगे. टीकमगढ़ जिले में PHE विभाग की इस बड़ी लापरवाही ने लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है और विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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