Shivraj Singh for Farmers: केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि संबंधी सवालों (Farmer related Questions) के जवाब देते हुए विपक्ष को जमकर घेरा और केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिनाई. इस दौरान केन्द्रीय कृषि मंत्री ने ई-नाम पोर्टल (E-NAM Portal), एफपीओ और एमएसपी सहित किसान कल्याण की योजनाओं के संबंध में विस्तार से सदन अपनी बात रखी. केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विजनरी लीडर हैं और किसान कल्याण और कृषि का विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. किसानों के हित में लगातार सरकार काम कर रही है और नवाचार के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
विपक्ष ने किसानों के हित में कदम नहीं उठाए
शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तब स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से उन्होंने इंकार कर दिया था. विपक्ष के एक नहीं बल्कि चार मंत्रियों ने एफिडेविट देकर साफ इंकार किया था कि, 50% उत्पादन की लागत पर मुनाफा जोड़कर MSP तय नहीं की जा सकती है, इससे बाजार विकृत हो जाएगा. वहीं प्रधानमंत्री श्रीमान नरेन्द्र मोदी जी की सरकार है, जिसने तय किया कि उत्पादन की लागत पर कम से कम 50% लाभ जोड़कर ही एमएसपी तय की जाएगी.
क्या है ई-नाम प्लेटफॉर्म
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ई-नाम मतलब राष्ट्रीय कृषि बाजार. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2016 को ई-नाम लॉन्च किया. ये एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जो किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करता है. किसान को केवल अपनी मंडी में ही अपना उत्पादन बेचना पड़ता था, बाकी जगह अगर मंडियों में दाम अच्छे होते थे तो उसकी जानकारी भी किसानों को नहीं होती थी. ई-नाम एक राष्ट्र एक बाजार की अवधारणा को लेकर कृषि उपज मंडियों को डिजिटल माध्यम से जोड़ता है, ताकि जहां किसान को उच्चतम मूल्य मिले, उच्चतम बोली लगे वहां किसान अपनी फसल बेच पाए और इससे किसान को एक बाजार उपलब्ध हुआ है.
शिवराज सिंह ने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि ई-नाम प्लेटफॉर्म के तहत एक फॉर्म गेट मॉड्यूल बनाया गया है, ताकि किसान अपनी उपज के फ़ोटो को फॉर्मगेट से ही अपलोड कर सके. उपज को भौतिक रूप से लाने के आवश्यकता मंडी में नहीं है. बिना उपज को लाए ही ई-नाम पर बोली सुविधा का वो लाभ उठा सकता है. ई-नाम मोबाईल एप के माध्यम से किसान अपनी उपज के ढेर को 360 डिग्री चारों दिशाओं से फोटो खीचकर पोर्टल पर डाल सकता है, जिसे खरीददार बोली लगाने से पहले देख सकते हैं कि वो कैसा है.
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FPO's किसानों के सशक्तिकरण का उदाहरण
कृषि मंत्री शिवराज ने कहा कि छोटे-छोटे किसान जिनकी उपज कम होती है, वो अपनी उपज के बेहतर दाम अकेले प्राप्त नहीं कर पाते हैं. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में एक और काम हुआ है, जिसमें छोटे-छोटे किसानों को जोड़ कर FPO का निर्माण किया जा रहा है. अब तक 10 हजार से ज्यादा FPO बनाए गए हैं. ये FPO संगठित होकर अपने आदान की व्यवस्था करते हैं. अपने सामान की मार्केटिंग-ब्रांडिंग कर सकते हैं. जब ये संगठित होते हैं तो इनकी उचित मूल्य प्राप्त करने की ताकत बढ़ जाती है और मुझे प्रसन्नता है कि कई FPO किसानों के सशक्तिकरण का उदाहरण बन गये हैं.
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