Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी (Shivpuri) में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. जहां सिस्टम के आगे बेबस एक मां अपनी 11 महीने की बच्ची को बचाने में नाकाम हो गई. मामला जिले के गुर्जन गांव का है. जहां तमाम चुनौतियों के बीच एक मां अपनी बीमार बच्ची को लेकर अस्पताल तो पहुंची, लेकिन इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ गई.
ये है पूरा मामला
दरअसल अकाझरी गांव की रहने वाली ललिता अपनी 11 महीनें की दो जुड़वा बेटियों को लेकर रक्षाबंधन के दिन अपने मायके अकाझरी गांव गई थी. यहां एक बेटी की तबियत बिगड़ गई.वह अपनी बच्ची को लुकवासा स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंची. जहां के अस्पताल प्रबंधन ने उसे कोलारस स्वास्थ्य केंद्र में रेफर किया. लेकिन एंबुलेंस नहीं दी. जब वह लुकवासा स्वास्थ्य केंद्र से कोलारस स्वास्थ्य केंद्र जैसे-तैसे पहुंची। बच्ची को भर्ती कराया.
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बच्ची जिला अस्पताल तो पहुंची लेकिन यहां आते ही जब तक एडमिट कार्ड बनता तब तक उस मासूम ने दम तोड़ दिया. अब सिस्टम से अगर पूछा जाए कि इस बच्ची की मौत का जिम्मेदार कौन है? तो सब के सब खामोश हैं.
कुछ लोगों को दया आई और इसकी मदद के लिए चंदा इकट्ठा किया, तब जाकर यह महिला एक बार फिर अपनी ही मासूम बच्ची का शव लिए रिक्शा और पैदल यात्रा करके गांव पहुंची. जहां जाकर उसने अपनी बच्ची का अंतिम संस्कार किया.
बीएल यादव
बच्चियों को पोटली में बांधकर नाला पार किया
ललिता ने बताया कि रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए मायके आई थी. यहां जुड़वा बच्चियों में से एक बच्ची की तबीयत बिगड़ गई और उसे तेज बुखार ने जकड़ लिया स्थानीय स्तर पर इलाज कराया आराम नहीं पड़ा तो बदहवास अपनी बच्ची को बचाने पॉलीथिन और चादर में लपेटकर उफनता हुआ नाला पार कर गई. उसके हाथ में उसकी दूसरी जुड़वा बच्ची भी थी.जिसे भी पोटली में बांधकर ले गई. अस्पताल में न तो एम्बुलेंस मिली और न ही समय पर इलाज मिला. जिससे मेरी बच्ची की मौत हो गई.
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